Monday 3 August 2020

परदे पर भाई-बहन का स्नेह और यादगार गीत

- एकता शर्मा



    फिल्मों में त्यौहार मनाने की अलग ही परंपरा है। ब्लैक एंड व्हाइट फिल्मों के ज़माने से आज तक ये परंपरा निभाई जा रही है। परदे पर सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला त्यौहार रहा है होली और सबसे कम दिवाली। इस बीच कई फिल्मों में करवा चौथ भी दर्शाया गया। लेकिन, फिल्मों में धीरे-धीरे राखी का त्यौहार फ़िल्मी कहानियों से गायब होता जा रहा है। जिस भी फिल्म में भाई-बहन का स्नेह दिखाया गया, उसमें राखी से जुड़ा कोई गाना भी रहा! करीब दो से अढ़ाई दशकों में बॉलीवुड ने पाश्चात्य सभ्यता की आगोश में भारतीय परंपराओं, तीज त्योहारों, पर्वों को मानो पर्दे से ओझल कर दिया है।
    परदे पर पर राखी का जिक्र सबसे पहले 1949 में प्रकाश पिक्चर्स की फिल्म 'राखी' से हुआ। शांति कुमार की इस फिल्म में कामिनी कौशल, करन दीवान, उल्हास, गोप आदि की भूमिकाएं थीं। इसके बाद 1959 में एलवी प्रसाद की फिल्म 'छोटी बहन' आई, जिसमें भाई-बहन के स्नेह के रिश्ते को परदे पर बड़ी शिद्दत से दिखाया गया था। फिल्म में बलराज साहनी ने भाई और नंदा ने बहन की भूमिका निभायी थी। लता मंगेशकर का गाया गीत 'भईया मेरे राखी के बंधन को निभाना' आज भी सुना जाता है।
    ए भीमसिंह ने 1962 में भी इस विषय को भुनाया और 'राखी' नाम से फिल्म बनाई। अशोक कुमार और वहीदा रहमान ने भाई-बहन की भूमिका निभाई थी।1976 में 'रक्षा बंधन' नाम से निर्माता केजी भट्ट ने शांतिलाल सोनी के निर्देशन में एक धार्मिक फिल्म बनाई जिसमें सचिन, सारिका तथा सत्यजीत ने मुख्य किरदार अदा किए थे। 1968 में भाई-बहन में सुनील दत्त और नूतन मुख्य भूमिकाओं में थे। इनके अलावा 'राखी-राखी' (1969), 'राखी और हथकड़ी' (1972), 'राखी और राइफल' (1976) तथा 'राखी की सौगंध' (1979) जैसी फ़िल्में बनी। फिल्मों के राखी गीतों ने भी कामयाबी के नए कीर्तिमान स्थापित किए। आज भी रक्षाबंधन पर्व आसपास गीत गुनगुनाए जाते हैं।
    1971 में आई देवआनंद की फिल्म 'हरे रामा हरे कृष्णा' में देव आनंद और जीनत अमान ने भाई-बहन के किरदार निभाए थे। फिल्म का गीत 'फूलों का तारों का सबका कहना है,. एक हजारों में मेरी बहना है!' आज भी सुना जाता है। फिल्म ;रेशम की डोरी' में सुमन कल्याणपुर का गाया 'बहना ने भाई की कलाई से प्यार बांधा है' आज भी खूब बजता है। मनोज कुमार अभिनीत फिल्म 'बेईमान' का 'ये राखी बंधन है ऐसा' और राजेश खन्ना अभिनीत 'सच्चा झूठा' का 'मेरी प्यारी बहनिया बनेगी दुल्हनियां' के सुनाई देते ही आँखों के आगे वो दृश्य उभर आता है। 'चंबल की कसम' का चंदा रे मेरे भइया से कहना, 'प्यारी बहना' का राखी के दिन, 'हम साथ साथ हैं' का 'छोटे छोटे भाईयों की बड़ी बहना, 'तिरंगा' का इसे समझो न रेशम का तार, 'रिश्ता कागज का' फिल्म का 'ये राखी की लाज तेरा भइया निभाएगा' गीत भी काफी लोकप्रिय हुए।
   'अनपढ़' और 'काजल' में भाई-बहन के प्रेम पर दो खूबसूरत गीत थे। इनमें..'अनपढ़' का माला सिन्हा पर फिल्माया गीत 'रंग बिरंगी राखी लेकर आई बहना' और 'काजल' में मीना कुमारी पर फिल्माया गीत 'मेरे भइया मेरे चंदा मेरे अनमोल रतन' फिल्माया गया था। विमल राय की फिल्म 'बंदिनी' में भी एक बेहद मार्मिक गीत था। जिसमें बहन अपने पिता से भाई को सावन में भेजने का अनुरोध करती है। 'अब के बरस भेज भइया को बाबुल सावन में दीजो बुलाय रे' बहन की व्यथा को बताने वाले इस गीत को भी आशा भौंसले ने गाया था। मेरी बहना ओ मेरी बहना (ढोंगी), चंदा रे मेरे भैया से कहना,बहना याद करे (चंबल की कसम), ये रक्षाबंधन सबसे बड़ा त्योहार है (हम बच्चे हिंदुस्तान के), ये राखी-राखी प्यार मोहब्बत की लाई हूं मेरे भैया (अनोखा इंसान)। लेकिन, अब ये गीत ही बचे हैं, जो फिल्मों में राखी के त्यौहार की याद दिलाते हैं।
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