Saturday 30 December 2017

अनुष्का से पहले भी कई हीरोइनें पिच पर बोल्ड हुई!

  - एकता शर्मा

  फिल्म और क्रिकेट भारतीयों के रक्त में बसा है। फ़िल्मी कलाकारों और क्रिकेट खिलाडियों के प्रति दीवानगी छुपी नहीं रही। दोनों को ही भगवान की तरह पूजा जाता है! ये भी सच है कि क्रिकेट और अभिनय दोनों ऐसी विधाएं हैं, जिनकी राह आपस में कहीं नहीं मिलती! पर, दोनों में गहरा रिश्ता है! क्रिकेट खिलाडियों और फ़िल्मी एक्ट्रेसेस के बीच प्रेम प्रसंग, शादी और तलाक हमेशा ही चर्चित रहे हैं! फ़िल्मी हीरोइन अनुष्का शर्मा और भारतीय क्रिकेट के धमाकेदार बल्लेबाज विराट कोहली की शादी इन दिनों सुर्खियों में हैं! ये प्रेम प्रसंग लम्बे समय से क्रिकेट मैचों और हाईप्रोफाइल पार्टियों में सुर्खियाँ बटोर रहा था। अब दोनों ने अपने इस रिश्ते पर मुहर लगाई है। 
   करीब डेढ़ साल पहले हरभजन सिंह की ऑफ स्पिन पर एक्ट्रेस गीता बसरा भी बोल्ड हो चुकी हैं। हरभजन सिंह और गीता के बीच लम्बे समय तक प्यार चला! तेज गेंदबाज जहीर खान और एक्ट्रेस ईशा के रोमांस को भी हवा मिली थी! दोनों आठ साल तक रिलेशनशिप में रहे, पर दोनों ने ही इस रिलेशन को खत्म कर लिया! बाद में इसी साल जहीर खान ने एक्ट्रेस सागरिका घाटगे से शादी कर ली। धाकड़ बल्लेबाज युवराज सिंह और हेजल कीच ने भी लम्बे रोमांस के बाद शादी की रस्म निभा ली। वैसे फिल्मीं दुनिया में संभवतः ऐसा पहला रिश्ता शर्मिला टेगोर और मंसूर अली खान पटौदी में हुआ था! नवाब खानदान से जुड़े मशहूर बल्लेबाज मंसूर अली खान पटौदी से मोहब्बत के बाद दिसंबर 1969 को दोनों ने शादी की थी! भारत के मशहूर क्रिकेटर सलीम दुर्रानी का नाम भी एक्ट्रेस परवीन बॉबी के साथ लम्बे समय तक जुड़ता रहा। उन्होंने तो परवीन बॉबी के साथ हिंदी फिल्म 'चरित्रहीन' में बतौर नायक काम भी किया था। पर, ये संबंध कभी रिश्ता नहीं बन सके। क्रिकेट टीम के कप्तान रहे मोहम्मद अजहरउद्दीन और संगीता बिजलानी का रिश्ता भी काफी चर्चा में रहा! अजहर शादीशुदा थे, लेकिन संगीता के लिए उन्होंने अपनी पत्नी नौरीन को तलाक दे दिया और 1996 में दोनों ने शादी कर ली! अभी ये रिश्ता किस मोड़ पर है, इसे लेकर भी कई तरह की चर्चाएं हैं! 


  एक्ट्रेसेस का दिल सिर्फ भारतीय क्रिकेटरों पर ही निसार नहीं हुआ! वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान तक के क्रिकेटरों पर बॉलीवुड की हीरोइनों का दिल आया है! वेस्टइंडीस के बल्लेबाज विवियन रिचर्ड्स और एक्ट्रेस नीना गुप्ता बीच मोहब्बत के किस्से तब ख़बरों में आए जब नीना ने बगैर शादी के ही बेटी मसाबा को जन्म दिया! दोनों ने शादी नहीं की, पर ये रिश्ता आज भी कायम है! लेकिन, पाकिस्तानी बल्लेबाज मोहसीन खान और खूबसूरत हीरोइन रीना रॉय के बीच ये रिश्ता लम्बा नहीं चला! दोनों ने अप्रैल 1983 में शादी की थी। दोनों कराची रहने भी चले गए! क्रिकेट से संन्यास के बाद मोहसीन ने मुंबई में फिल्मों में भी किस्मत आजमाई, पर बात नहीं बनी! बाद में इस दोनों के बीच इतना तनाव उभरा कि इन्होने तलाक ले लिया। आईपीएल-2010 में ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज शान टैट की मुलाकात मॉडल माशूम सिंघा से हुई! इसके बाद दोनों ने शादी कर ली! पहली बार दोनों आईपीएल की एक पार्टी में मिले थे! जून 2014 में मुंबई में शादी के बाद ये एडिलेड में बस गए हैं। शान क्रिकेट से जुड़े हैं और माशूम एक इवेंट मैनेजमेंट कम्पनी चला रही हैं।
  ये तो हुए वो किस्से जिनके प्यार को मंजिल मिली! ऐसे किस्सों की भी कमी नहीं है, जो अधूरे ही रहे! रवि शास्त्री जब भारतीय टीम के कप्तान थे, तब अमृता सिंह उन पर लट्टू हो गई थी। लेकिन, कुछ मतभेदों के कारण ये दोस्ती रिश्ते में नहीं बदल सकी! एक और क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली और नगमा को लेकर भी ख़बरें उडी! दोनों को कई बार आंध्रप्रदेश के शिव मंदिर में देखा गया! इस मुद्दे की वजह से सौरव और उनकी पत्नी डोना के बीच भी काफी विवाद होने की भी बातें सामने आई! बाद में नगमा ने इस संबंध को स्वीकार भी किया! पाकिस्तान के पूर्व खिलाडी वसीम अकरम और सुष्मिता सेन भी जब एक टीवी रिएलिटी शो में जज बनकर आए तो एक-दूसरे को दिल दे बैठे! लेकिन, इनकी बात भी आगे नहीं बढ़ी! ये किस्से अभी खत्म नहीं हुए! आगे भी क्रिकेट और बॉलीवुड हीरोइनों के बीच प्रेम प्रसंग के किस्से चर्चाओं में आते रहेंगे। 
-----------------------------------------------------------------------------------

हिट को गिनों उँगलियों पर, फ्लॉप का बड़ा ढेर!

बीता बरस : बॉलीवुड

- एकता शर्मा 
बीते साल में कई फ़िल्में बनी, कई अटकी तो कई रिलीज भी हुई। पर, दर्शकों की पसंद वाली फिल्मों की संख्या उँगलियों पर गिनी जा सकती है। 2017 में हिट हुई ज्यादातर फ़िल्में सीक्वल रही। बाहुबली-2, गोलमाल-अगेन, फुकरे : रिटर्न, जॉली एलएलबी-2, कहानी-2, जुड़वां-2 और 'टाइगर जिंदा हैँ' उन फिल्मों में है जो सीक्वल के रूप में बनी और दर्शकों को पसंद आई! इस साल कई ऐसी फिल्मों को भी दर्शकों ने पसंद किया जो लीक से हटकर थी और उनकी कहानियों में नयापन था। ये थीं हिंदी मीडियम, शुभमंगल सावधान, फिल्लौरी, इंदु सरकार, बादशाहो, मॉम, तुम्हारी सुलु और 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' जैसी नए सोच की फ़िल्में! इनमें से कुछ को पसंद किया गया, कुछ को नहीं पर फिल्मों का कथानक नया था। इनमें 'न्यूटन' को तो भारत से विदेशी भाषा श्रेणी में ऑस्कर में भेजा गया। साल के अंत में परदे पर आई सलमान खान की सीक्वल फिल्म 'टाइगर जिंदा है' की शुरूआती रिपोर्ट भी अच्छी है।        
 2016 की 'बाहुबली' के बाद दर्शकों को इस सीरीज की दूसरी फिल्म 'बाहुबली : द कन्क्लूजन' का बेसब्री से इंतजार था। सभी को ये जानना था कि 'कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा?' रिलीज के सिर्फ 21 दिन में ही 'बाहुबली : द कन्क्लूजन' ने दुनियाभर में 1500 करोड़ रुपए की कमाई की। साल की एक और कामयाब फिल्म रही रोहित शेट्टी की 'गोलमाल अगेन' जिसने बॉक्स ऑफिस पर 300 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया। ये फिल्म पहले दिन से ही कमाई के कई रिकॉर्ड बनाने में कामयाब रही। 'गोलमाल अगेन' भारत की अब तक 10 सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में भी शामिल हो गई है! 
  शाहरुख खान की 'रईस' ने 139 करोड़ रुपए की कमाई की। इस फिल्म में शाहरुख के अलावा पाकिस्तान की एक्ट्रेस माहिरा खान मुख्य भूमिका में थी। 'रईस' से पहले रिलीज हुई रितिक रोशन की 'काबिल' ने भी 126.85 करोड़ रुपए की कमाई की। फिल्म 'जॉली एलएलबी' का सीक्वल 'जॉली एलएलबी-2' को भी बॉक्स ऑफिस पर खासी कामयाबी मिली। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर करीब 117 करोड़ रुपए की कमाई की है। अक्षय कुमार ने इस फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई! वरुण धवन और आलिया भट्ट की फिल्म 'बद्रीनाथ की दुल्हनिया' भी 100 करोड़ क्लब में पहुंचने में कामयाब रही! 
  वरुण धवन की फिल्म 'जुड़वाँ-2' को भी दर्शको ने काफी पसंद किया है। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 138 करोड़ की कमाई की। अक्षय कुमार और भूमि पेडनेकर की फिल्म 'टॉयलेट : एक प्रेम कथा' को भी दर्शको ने काफी पसंद किया। अक्षय ने अपनी इस फिल्म से हमारे देश में शौचालय की समस्या से परेशान औरतों के लिए आवाज़ उठाई है। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 134.22 करोड़ की कमाई की।    
  अब यदि 2017 की फ्लॉप फिल्मों का जिक्र किया जाए तो सलमान खान की 'ट्यूबलाइट' ऐसी फिल्म थी, जो साल की सुपर फ्लॉप फिल्म साबित हुई। 145 करोड़ में बनी यह फिल्म केवल 119.26 करोड़ का ही कारोबार कर पाई। फिल्म के फ्लॉप होने के कारण सलमान को डिस्ट्रीब्यूटर्स के नुकसान की भरपाई भी करना पड़ी थी। 'रंगून' 80 करोड़ के बजट में बनी थी, पर इस फिल्म को दर्शकों ने पहले दिन से ही नकार दिया। 'रंगून' बॉक्स ऑफिस पर केवल 20.68 करोड़ का कारोबार कर पाई। अनुराग बासु की फिल्म 'जग्गा जासूस' से दर्शकों को इससे काफी उम्मीदें थीं, लेकिन फिल्म को दर्शको ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। 'बर्फी' का रणबीर कपूर का जादू इसमें बिल्कुल नहीं चला। 
  गोविंदा की कमबैक फिल्म 'आ गया हीरो' बॉक्स ऑफिस पर साल की बड़ी फ्लॉप साबित हुई। बॉलीवुड के सफलतम निर्देशकों में से एक अब्बास-मस्तान अपने बेटे को पहली फिल्म 'मशीन' को हिट का फार्मूला देने में नाकामयाब बने। सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म 'नूर' ने बॉक्स ऑफिस पर मात्र 7 करोड़ का बिजनेस किया। यशराज बैनर की फिल्म 'बैंक चोर' से खास उम्मीद तो नहीं थी, पर ये इतनी बड़ी फ्लॉप होगी ये भी शायद किसी ने नहीं सोचा था। इस फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन मात्र 8 करोड़ का रहा।
  120 करोड़ के बजट में बनी ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर केवल 54.16 करोड़ का कारोबार कर पाई। शाहरुख खान की 'जब हैरी मेट सेजल' से भी दर्शक आस लगाए बैठे थे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। लगभग 90 करोड़ में बनकर तैयार हुई 'जब हैरी मेट सेजल' जब सिनेमाघरों में आयी तो इसने केवल 64.33 करोड़ का कारोबार किया। 60 करोड़ के बजट में बनी 'राब्ता' भी मात्र 25.67 करोड़ का कारोबार करके सिनेमाघरों से उतर गई।
-------------------------------------------------------------------------------------

Friday 15 December 2017

'बिग बॉस' के घर में सामने आई असली हिना!


- एकता शर्मा 

  फिल्म और टीवी के कलाकारों की 'रील लाइफ' और 'रियल लाइफ' में जो फर्क होता है, वही उनके परदे के चरित्र और मूल चरित्र में भी होता है। सामान्यतः दर्शकों को इन कलाकारों का रील लाइफ वाला चरित्र ही नजर आता है, उनका वास्तविक चेहरा छुपा ही रहता है। ये कलाकार भी इस बात का ध्यान रखते हैं कि उनके चाहने वालों और दर्शकों के दिल, दिमाग में उनकी वही छवि बनी रहे, जो चरित्र वे परदे पर निभाते हैं। लेकिन, टेलीविजन के एक रियलिटी शो 'बिग बॉस' ने कई चेहरों को बेनकाब करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस शो ने दिखाया कि कलाकारों का मूल चरित्र उनके परदे वाले चरित्र जैसा बिल्कुल नहीं होता। ऐसे कई कलाकार हैं, जो परदे पर निगेटिव भूमिका निभाते हैं, पर वास्तविक जीवन में बेहद भले हैं। जबकि, कई चरित्र इसके ठीक उलट हैं।
  इस बार के 'बिग बॉस-11' में हिना खान भी एक ऐसी ही सेलिब्रिटी कंटेस्टेंट है, जिसका वास्तविक चरित्र देखने वालों के सामने आया। हिना ने 8 साल तक टीवी सीरियल 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' में अक्षरा का किरदार निभाया। ये एक आदर्श बहू का किरदार था, जिसमें उन्हें जबरदस्त कामयाबी मिली। ये सीरियल देखने वालों की नजर में हिना खान उर्फ़ अक्षरा की छवि वास्तव में आदर्श बहू की बन गई थी। लेकिन, 'बिग बॉस' में हिना जैसी नजर आई, उसने उनकी सारी 'रील लाइफ' इमेज को धोकर रख दिया! क्योंकि, निजी जीवन में हिना बेहद निगेटिव नजर आ रही है। साथी कंटेस्टेंट से झगड़ा, गुटबाजी, झूठ बोलने की आदत, नकली आँसू बहाना और खुद को बड़ी एक्ट्रेस बताने के उनके ईगो ने उनकी 8 साल की उस मेहनत पर पानी फेर दिया।
   'बिग बॉस' में आने से पहले हिना रियलिटी शो 'खतरों के खिलाड़ी' के आठवें सीजन का भी हिस्सा बनी थी। हिना कई अन्य टीवी शो में भी दिखीं जिसमें 'सपना बाबुल का ... विदाई', 'नच बलिए : सीज़न 6', 'भाग बकुल भाग' जैसे शो हैं। 'बिग बॉस' के शो में जो भी नई कंट्रोवर्सी हो रही हैं, उन सभी में कहीं न कहीं हिना जरूर है। हिना 'बिग बॉस' के घर में जो भी करती हैं, उसमें उनका घमंड साफ़ नजर आता है। इसके अलावा उनकी सारी एक्टिविटी कैमरे के सामने की होती हैं।       
  'बिग बोस' के घर में हिना खान को ड्रामा क्वीन कहा जाने लगा है, जिनके रोने की आवाज तो आती है पर आँखों में आँसू नहीं निकलते। हाल ही में 'बिग बॉस' के घर में कंटेस्टेंट को अपने परिवार वालों से मिलवाने का एक टास्क हुआ था। इसमें हिना का बॉयफ्रेंड रॉकी जैसे ही आया हिना बेकाबू हो गईं! पूरे समय वे एक्टिंग करती रही! जब रॉकी जाने लगा तो हिना खान के अंदर की ड्रामा क्वीन जाग गई। उन्होंने जमकर ड्रामा किया। वे फूट-फूटकर रोईं, लेकिन उनका एक आँसू भी नहीं निकला! घरवालों ने उनका खूब मजाक बनाया। ख़ास बात ये कि रॉकी ने हिना से ये नहीं कहा कि वे देखने वालों को बहुत निगेटिव नजर आ रही हैं। यह भी नहीं बताया कि बाहर हिना की आलोचना हो रही है और सेलिब्रिटी से लगाकर आम दर्शक तक उनके एटीट्यूड को पसंद नहीं कर रहे! रॉकी उन्हें गलत बात बताकर गए कि वे बहुत अच्छा खेल रही है।
   'बिग बॉस' के घर में अपने बर्ताव के कारण हिना खान को बाहरी दुनिया में बहुत कुछ सुनाया जा रहा है। हिना का शिल्पा शिंदे और अर्शी खान पर लगातार अटैक करना फैंस को पसंद नहीं आ रहा! दर्शक तो सोशल मीडिया पर भी हिना को आड़े हाथों ले ही रहे हैं। टीवी कलाकार करण पटेल ने भी हिना को घर में आकर खरी खोटी सुनाई थी। करण ने तो ट्वीट किया 'वो जो मोहतरमा हैं बिग बॉस-11 के घर में जो बात-बात में थैंक्यू गॉड का राग अलापती हैं। कोई उनसे प्लीज पूछ कर बताए कि ये घटियापन क्या कहलाता है? कितना गंदा खेलोगी मैडम, भोली सूरत गंदी नीयत।
  'बिग बॉस' के घर के अंदर जो कुछ चल रहा है, बाहर उसका क्या असर हो रहा है, हिना उस असलियत से अंजान है। उसे नहीं पता कि इस सबसे उसकी इमेज कितनी ख़राब हो रही है। जिस अक्षरा के किरदार में हिना खान ने अपनी आदर्श बहू की छवि बनाई थी, उसे 'बिग बॉस' की असली हिना ने मटियामेट कर दिया। जब हिना 'बिग बॉस' के घर से बाहर निकलेगी, उनकी पहचान वैम्प के रूप में बन चुकी होगी। शो के एक कंटेस्टेंट विकास गुप्ता ने तो कह भी दिया कि हिना तुम वैम्प हो! घर में आग लगाने और झगडे करवाने के अलावा तुम्हारे पास कोई काम नहीं है!         
--------------------------------------------------------------------------

उम्र के शतक से 5 साल दूर है 'ट्रेजडी किंग'

जन्मदिन : दिलीप कुमार


- एकता शर्मा 
   हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अभिनय के सरताज कहे जाने वाले दिलीप कुमार उर्फ़ युसूफ खान आज 95 साल के हो गए। अब वे उम्र का शतक लगाने से महज 5 साल दूर हैं। लेकिन, अभिनय का ये बादशाह इन दिनों निमोनिया से पीड़ित है और इस स्थिति में नहीं है कि अपना जन्मदिन मना सकें! डॉक्टर्स ने उन्हें इंफेक्शन से बचने की सलाह दी है। उनकी पत्नी सायरा बानो ने उनके जन्मदिन के बारे में जानकारी जरूर दी है कि दिलीप साहब के बर्थडे पर उनके परिवारवाले, रिश्तेदार, दोस्त सब मिलते हैं। दिलीप साहब को बहुत से चाहने वाले अपनी दुआएं भेज रहे हैं! मैं उनकी शुक्रगुजार हूं, धन्यवाद। सायरा ने चाहने वालों को बताया कि मुझसे लगातार पूछा जा रहा है कि इस बार उनका जन्मदिन कैसे मनाया जाएगा? इस पर सायरा ने कहा कि जिन्हें नहीं  पता, मैं उन्हें बता दूं कि हर साल उनके जन्मदिन पर घर फूलों से सजता है। हमारे घर के दरवाजे सभी रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए खुले रहते हैं, ताकि वो आए और दिलीप साहब के साथ समय बिताएं! लेकिन, इस बार ऐसा नहीं होगा! क्योंकि, डॉक्टर्स ने उन्हें इंफेक्शन से बचने की सलाह दी है। 
   दिलीप कुमार को उनके दौर के बेहतरीन अभिनेताओं में गिना जाता है। त्रासद भूमिकाओं के लिए मशहूर होने के कारण उन्हें 'ट्रेजिडी किंग' की उपाधि भी मिली। 1995 में उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1998 में उन्हे पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ भी प्रदान किया गया। हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय अभिनेता है जो भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा के सदस्य रह चुके है। उनका जन्म 11 दिसंबर 1922 को पेशावर में हुआ। उनका जन्म नाम मुहम्मद युसुफ़ खान है। उनके पिता मुंबई आ बसे थे, जहाँ उन्होने हिन्दी फ़िल्मों में काम करना शुरू किया। उन्होंने फिल्मों में आने के बाद अपना नाम बदलकर दिलीप कुमार रख दिया, ताकि उन्हे हिन्दी फ़िल्मो में ज्यादा पहचान और सफलता मिले।
  उन्होंने उस दौर की लोकप्रिय अभिनेत्री सायरा बानो से 1966 में विवाह किया। विवाह के समय दिलीप कुमार 44 वर्ष और सायरा बानो की 22 वर्ष की थीं। 1980 में कुछ समय के लिए आसमां से दूसरी शादी भी की थी। 1980 में उन्हें सम्मानित करने के लिए मुंबई का 'शेरिफ' घोषित किया गया। उनकी पहली फ़िल्म 'ज्वार भाटा'(1944) थी। 1949 में आई फ़िल्म 'अंदाज़' की सफलता ने उन्हे प्रसिद्धी दिलाई। इसमें उन्होने राज कपूर के साथ काम किया। दीदार (1951) और देवदास (1955) जैसी फ़िल्मो में त्रासद भूमिकाओं के मशहूर होने के कारण उन्हे 'ट्रेजिडी किंग' कहा गया। मुगले एआज़म (1960) में उन्होने मुग़ल राजकुमार जहांगीर की भूमिका निभाई। यह फ़िल्म पहले ब्लैक एंड व्हाइट थी और 2004 में रंगीन बनाई गई। उन्होने 1961 में गंगा-जमुना फ़िल्म का निर्माण भी किया, जिसमे उनके साथ उनके छोटे भाई नासीर खान ने काम किया था।
  1980 के बाद उन्होंने चुनिंदा फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया। इस समय की उनकी प्रमुख फ़िल्मे थी: विधाता (1982), दुनिया (1984), कर्मा (1986), इज्जतदार (1990) और सौदागर (1991)। 1998 में बनी 'किला' उनकी आखरी फ़िल्म है। उन्होने रमेश सिप्पी की फ़िल्म शक्ति में अमिताभ बच्चन के साथ काम किया। इस फ़िल्म के लिए उन्हे फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी मिला। आज वे 95 साल के पूरे हो गए, शुभकामना है कि वे उम्र का शतक मारें।  
-------------------------------------------------------------

Tuesday 5 December 2017

स्क्रीन पर रोमांस का आइकॉन नहीं रहा

स्मृति शेष : शशि कपूर

- एकता शर्मा
 'शशि' का मतलब होता है चाँद! जब चाँद दिखाई नहीं देता तो रात अँधियारी हो जाती है। कुछ ऐसा ही अहसास शशि कपूर के न रहने से हो रहा है। सत्तर और अस्सी के दशक में उन्हें बड़े पर्दे पर रोमांस के आयकन के तौर पर देखा जाता था। पृथ्वीराज कपूर के तीसरे बेटे बलबीर राजकपूर यानि शशि कपूर का निधन हो गया! वे 79 साल के थे। शशि कपूर की स्कूली पढाई मुम्बई के 'डॉन बास्को स्कूल में हुई। स्कूल में भी वे नाटकों में काम करना चाहते थे, लेकिन कभी रोल पाने में कामयाब नहीं हुए! उनकी यह तमन्ना पूरी हुई, अपने पिता के पृथ्वी थिएटर में! उन्होंने 1940 के दशक में ही फिल्मो में काम करना शूरू कर दिया था। शशि कपूर ने बचपन में कई धार्मिक फिल्मों में बाल कलाकार के भूमिकाएं निभाई! पिता पृथ्वीराज उन्हें स्कूल की छुट्टियों के दौरान स्टेज पर अभिनय करने के लिए प्रोत्साहित करते थे। इसके बाद बड़े भाई राज कपूर ने उन्हें 'आग' (1948) और 'आवारा' (1951) में रोल दिए। 'आवारा' में उन्होंने राजकपूर के बचपन का रोल किया था। 1958 में शशि कपूर ने जेनिफर केंडल से शादी की। उनकी तीन संताने हुई पुत्र कुणाल कपूर और करन कपूर तथा पुत्री संजना कपूर। 
  शशि कपूर ने बतौर हीरो सिने करियर की शुरुआत 1961 में यश चोपड़ा की फिल्म 'धर्मपुत्र' से की थी। उन्हें विमल राय की फिल्म 'प्रेम पत्र' में भी काम करने का मौका मिला। लेकिन, ये दोनों ही फ़िल्में चली नहीं! उन्होंने 'मेहंदी लगी मेरे हाथ' और 'हॉलिडे इन बॉम्बे' में काम किया, लेकिन ये भी बॉक्स ऑफिस पर नकार दी गई। 1965 का साल उनके लिए कामयाबी लाया औरउनकी फिल्म 'जब जब फूल खिले' प्रदर्शित हुई। बेहतरीन गीत, संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की जबरदस्त कामयाबी ने शशि कपूर को हीरो के रूप में स्थापित कर दिया। 1965 में शशि कपूर की फिल्म 'वक्त' रिलीज़ हुई, जो अच्छी चली। इनकी सफलता से उनकी छवि रोमांटिक हीरो की बन गई। 1965 से 1976 के बीच कामयाबी के सुनहरे दौर में उन्होंने जिन फिल्मों में काम किया, उनमें अधिकांश हिट हुई। लेकिन, अमिताभ बच्चन के आने के बाद पर्दे पर रोमांस का जादू चलाने वाले इस अभिनेता का जादू खत्म होने लगा था। लेकिन, उनकी सबसे ज्यादा सफल जोड़ी भी अमिताभ के साथ ही बनी। दीवार, त्रिशूल, सुहाग, कभी-कभी, दो और दो पाँच, काला पत्थर, सिलसिला, शान, ईमान, रोटी कपडा और मकान, अजूबा जैसी फ़िल्में उन्होंने अमिताभ के साथ ही की!       
 अपने पूरे करियर में शशि कपूर ने 116 फिल्मों में अलग-अलग किरदार निभाए। सात फिल्मों में वे मेहमान कलाकार के तौर पर भी दिखाई दिए। शशि कपूर ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रखा और प्रयोगधर्मी फ़िल्में बनाई! जूनून, कलयुग, 36 चौरंगी लेन, विजेता और 'उत्सव' जैसी फ़िल्में बनाकर उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई। हालांकि, ये फिल्मे ज्यादा सफल नहीं हुई, लेकिन इन्हें समीक्षकों ने पसंद किया। 1991 में उन्होंने अमिताभ बच्चन को लेकर अपनी 'अजूबा' बनाई और निर्देशन किया। लेकिन, कमजोर पटकथा की वजह से फिल्म सफल नहीं हुई। 
  शशि कपूर को फिल्मफेर लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें 1965 में आई फिल्म 'जब जब फूल खिले' के लिए श्रेष्ठ अभिनेता का बॉम्बे जर्नलिस्ट एसोसिएशन अवार्ड, 1984 में आई 'न्यू दिल्ली टाइम्स' के लिए राष्ट्रीय पुरुस्कार और 1993 में प्रदर्शित फिल्म 'मुहाफिज' के लिए स्पेशल जूरी का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था। सन 2011 में उन्हें पद्मभूषण तथा 2015 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 
  पृथ्वी थिएटर में काम करने के दौरान वे भारत यात्रा पर आए गोडफ्रे कैंडल के थिएटर ग्रुप 'शेक्सपियेराना' में शामिल हो गए। थियेटर ग्रुप के साथ काम करते हुए उन्होंने दुनियाभर की यात्राएं कीं और गोडफ्रे की बेटी जेनिफर के साथ कई नाटकों में काम किया। इसी बीच उनका और जेनिफर का प्यार परवान चढ़ा और 20 साल की उम्र में ही उन्होंने खुद से तीन साल बड़ी जेनिफर से शादी कर ली। कपूर खानदान में इस तरह की यह पहली शादी      थी। बॉलीवुड से वे लगभग संन्यास ले चुके थे। 1998 में आई फिल्म 'जिन्ना' उनके करियर की आखिरी फिल्म थी। 
---------------------------------------------------

Friday 1 December 2017

सिर्फ कानून बनाने से अपराध कैसे रुकेंगे?

- एकता शर्मा 

    मध्य प्रदेश में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों बच्ची के साथ दुष्कर्म या गैंगरेप करने वालों को कैबिनेट ने मृत्यु दंड की सजा देने के विधेयक को मंजूरी दे दी। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल व राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। देश में ये पहला मौका है जब इस तरह का कानून बनने जा रहा हैं, जिसे सबसे पहले मध्यप्रदेश सरकार लागू करेगी। लेकिन, सवाल उठता है कि क्या सिर्फ कानून बना देने से छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बंद हो जाएँगी? क्या वास्तव में समाज में कानून का इतना डर है कि इस तरह की घटनाओं में शामिल लोग नए कानून से भयभीत होंगे? दरअसल, इसके लिए सबसे ज्यादा जरुरी है कानून का पालन करवाने का सख्त नजरिया!     
    यदि नया विधेयक कानून की शक्ल लेता है, तो ऐसी घटनाएं रुक जाएंगी, ऐसा मान लेना फिलहाल जल्दबाजी होगी। क्योंकि, इस तरह की घटनाएं कानून की धाराओं को याद करके कभी नहीं की जाती! हर व्यक्ति जानता है कि हत्या की सजा मृत्यु दंड भी हो सकती है, फिर भी हत्याएं कभी रुकी नहीं! यदि ये विधेयक कानून बनकर लागू हो गया तो सबसे ज्यादा जरुरत पुलिस की भूमिका में सुधार की होगी। क्योंकि, किसी आरोपी को सजा दिलाने में एफआईआर ही महत्वपूर्ण होती है और पुलिस वहीं से इसमें गड़बड़ी करती है और आरोपी को बचने का मौका मिलता है। दुष्कर्म के मामलों में आज तक जितने भी आरोपियों को सजा हुई है, उसका सबसे बड़ा कारण पुलिस की शुरूआती सशक्त भूमिका ही रहा है। बेहतर हो कि सरकार ऐसे मामलों के लिए के लिए पुलिस उप-अधीक्षक स्तर के अधिकारी को ही विवेचना का दायित्व सौंपे और इसके लिए फास्ट-ट्रेक कोर्ट बनाए, तभी इस तरह के किसी कानून की सार्थकता साबित होगी!       
  दुष्कर्म के मामलों में फलहाल कानून में धारा 376 लगाईं जाती हैं। लेकिन, नया विधेयक यदि कानून बना तो गृह विभाग इसमें दो नए प्रावधान 376 ए-ए तथा 376 बी-ए जोड़ेगा! ऐसी स्थिति में इस धारा के तहत 12 साल से कम उम्र की बालिकाओं के साथ दुष्कर्म के आरोपी को मृत्यु दंड तक की सजा सुनाई जा सकेगी। आरोपी को एक लाख रुपए का जुर्माना भी भरना होगा। नए प्रावधान के मुताबिक इस मामले में लोक अभियोजक को सुनवाई का अवसर दिए बिना आरोपी को जमानत भी नहीं मिलेगी। सरकार ने महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध जैसे शादी के बाद दुष्कर्म, छेड़छाड़, पीछा करना आदि के लिए कठोर कानून बनाने और संशोधन करने का प्रस्ताव भी विधेयक में किया है।
 इस विधेयक पर पहले भी विचार किया गया था। यह प्रस्ताव गृह विभाग में कैबिनेट की पिछली बैठक में रखा गया था। लेकिन, उस दौरान कुछ मंत्रियों ने इस पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि इसमें सुधार की जरुरत है। क्योंकि, अपराध करने के बाद कानून के डर से वो पीड़िता की हत्या भी कर सकते हैं! काफी हद तक ये बात सही भी है। ऐसे में सरकार ने भरोसा भी दिलाया कि मामले की पूरी छानबीन होने के बाद ही सजा सुनाई जाएगी ऐसे में इसका दुरूपयोग नहीं हो पाएगा। लेकिन, सजा से बचने के लिए आरोपी और उन्हें बचाने वाले हरसंभव कोशिश करते हैं और यदि ये कानून बन गया तो इसमें भी यही होगा! इसलिए सबसे ज्यादा जरुरी ही कि पुलिस विवेचना इतनी पुख्ता हो कि दुष्कर्म का कोई भी आरोपी कानून के हाथ से बचकर न निकल सके! 
--------------------------------------------------------