Thursday 21 March 2019

कई अनोखे रंग हैं फ़िल्मी होली के!


- एकता शर्मा

  फिल्मों में होली गीत अपना ख़ास स्थान रखते हैं। मस्ती से सराबोर इस त्यौहार के ब्लैक एंड व्हाइट से रंगीन फिल्मों तक में कई रंग दिखाए जाते रहे हैं। फ़िल्मी होली में जहाँ शरारत है, छेड़छाड़ है, प्यार है, दोस्ती है और यहां तक कि विरह भी होली के रंगों में झलकता दिखाई देता है। होली ने फिल्मों में खूब रंग बिखेरे हैं। होली का हुड़दंग जहाँ प्रेमी-प्रेमिका को करीब आने का मौका देता है, वहीं फिल्मों में इस रंगीन त्यौहार का हर अवसर के लिए प्रयोग किया गया है। हर सिचुएशन के लिए होली गीतों का भी प्रयोग किया गया है। फिल्मों में होली के नाच-गाने कहानी का सिक्वेंस आगे बढ़ाने में तो कारगर होते ही हैं। अगर कभी गाने पटकथा का हिस्सा नहीं भी होते थे, तब भी मनोरंजन के नजरिए से उन्हें फिल्म में शामिल किया जाता रहा है। फिल्मों के बहुत से यादगार गीत और सीन हैं, जो होली का नाम आते ही आँखों के सामने उभर आते हैं। ऐसे गीत भी हैं जो होली का पर्याय बन गए! कुछ ऐसे भी हैं, जो प्रेम संदेश देते हैं। लेकिन, सुनील दत्त की फिल्म 'जख्मी' का होली गीत 'आई रे आई से होली तूफ़ान दिल में लिए ...' बदले की भावना का संदेश देता है।  
   फिल्मी होली हीरो-हीरोइन की नजदीकी दिखाने का सबसे सशक्त माध्यम रहा है। फिल्मीं प्रेमियों के लिए होली का दिन ज़माने की नजरों से बचकर नजदीक आने का बहाना रहा है। इसी फॉर्मूले पर हिंदी फिल्मों में सबसे ज्यादा होली गीत फिल्माए गए हैं। 'कोहिनूर' का गीत 'तन रंग लो जी आज मन रंग लो ...' में दिलीप कुमार और मीना कुमारी प्यार का इजहार करते हैं। 'कामचोर' में राकेश रोशन और जयाप्रदा पर गीत फिल्माया गया 'मल दे गुलाल मोहे ...' भी ऐसा ही रोमांटिक गाना है। लेकिन, इन सारे गीतों में सबसे ज्यादा रोमांटिक है 'सिलसिला' का 'रंग बरसे भीगे चुनर वाली ...' है। फिल्म में इस गाने के बाद ही कहानी नया मोड़ लेती है। फ़िल्मी होली में नोकझोंक का जिक्र किया जाए तो ऐसे होली गीतों में 'मदर इंडिया' के 'होली आई रे कन्हाई ...' को भी शामिल किया जाता है, जिसमें फिल्म के नायक राजेन्द्र कुमार और सुनील दत्त गांव की लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करते है। वी शांताराम की फिल्म 'नवरंग' में नायिका संध्या 'जा रे हट नटखट ...' से नायक को होली के बहाने छेड़छाड़ करने से रोकती है। वहीं, नायक उसे परेशान करने की कोशिश करते हुए कहता है 'आज मीठी लगे है तेरी गाली रे'। 'शोले' फिल्म में धर्मेंद्र-हेमा मालिनी की नोक-झोंक 'होली के दिन दिल मिल जाते हैं ...' में दिखाई दी थी। इसी गीत में अमिताभ और जया भादुड़ी के अनकहे प्यार की भावनाएं भी दिखाई दी थी! 
  कई फिल्में ऐसी हैं, जिनमें होली का अलग ही स्थितियों में प्रयोग किया गया है। इनमें राजेश खन्ना, आशा पारेख की 'कटी पतंग' हैं, जिसमें सामाजिक बाध्यताओं के चलते विधवा की रंगों से दूरी और राजेश खन्ना के उसके प्रति प्रेम की भावनाएं 'आज न छोड़ेंगे बस हमजोली...' में नजर आती हैं। शाहरुख-जूही की 'डर' में एकतरफा प्यार में पागल शाहरुख जूही के साथ होली खेलने की अपनी कसम को पूरा करने के लिए रंगों से अपना चेहरा ढंककर उसके घर बेधड़क पहुंच जाता हैं। इनसे अलग मीनाक्षी शेषाद्री व ऋषि कपूर की 'दामिनी' में होली के दिन नायिका ऐसा हादसा देख लेती है, जो उसके जीवन में तूफान ले आता है। होली का फायदा उठाकर उसके ससुराल के कुछ लोग नौकरानी के साथ सामूहिक बलात्कार करते हैं। इसके बाद दामिनी (मीनाक्षी शेषाद्री) नौकरानी को न्याय दिलाने के लिए अपने परिवार के लोगों के खिलाफ खड़ी हो जाती है। 
  फिल्मों में होली के बहाने कहानी को नया रंग देने का चलन अब कम हो गया है। एकाध ही फिल्म दिखाई देती है जिसमें होली सिक्वेंस को फिल्माया गया हो! अमिताभ-हेमा की पारिवारिक फिल्म 'बागवान' में होली का गीत नजर आया था, उसके बाद कोई जोरदार होली गीत नहीं दिखा! अमिताभ बच्चन ने 'होली खेले रघुबीरा ...' से अपना 'रंग बरसे ...'वाला जादू फिर बिखेरा था। अमिताभ की ही फिल्म 'वक्त' में भी होली के रंग दिखाई दिए, पर वे छींटे ही रह गए! फिल्मों में होली को प्रेम की वेदना और विरह के माध्यम से भी दर्शाया गया है। वहीदा रहमान पर 'गाइड' में फिल्माया गया गीत 'आई होली आई, सब रंग लाई, बिन तेरे होली भी न भाई ...' दरअसल एक तड़फ थी। फिल्मों में होली को इसलिए भी पहचान मिली कि इस दिन दुश्मन भी दोस्त बन जाते हैं। 'शोले' में 'होली के दिन दिल मिल जाते हैं...' में भी गीतकार ने यही सब दर्शाया! सुभाष घई की 'सौदागर' में होली पर कोई गीत नहीं था, लेकिन होली के दिन राजकुमार और दिलीप कुमार फिर से दोस्त बन जाते हैं, जो एक-दूसरे के जॉनी दुश्मन थे। 
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