Sunday 24 March 2019

पड़ौसी से रिश्तों का फिल्मी अध्याय भी खट्टा-मीठा!


- एकता शर्मा

  पड़ौसी देश से खट्टे-मीठे रिश्तों पर फ़िल्में बनाने का जुनून हमारे देश में बरसों से चल रहा है। ये एक ऐसा फ़िल्मी फार्मूला है, जो कभी फेल नहीं होता! पाकिस्तान से रिश्तों पर दो तरह की फिल्में बनती रही हैं। कुछ फिल्में दोनों देशों के बीच हुए युद्धों और आतंकवाद पर बनी तो दूसरी तरह की फ़िल्में वे थीं जो देश के बंटवारे और इसके बाद के उपजे हालात को लेकर बनी! कुछ फिल्मकारों ने कटुता और आतंकवाद के बीच प्रेम का तड़का भी लगाया। वीरजारा, बजरंगी भाईजान और सदियां ऐसी ही फ़िल्में हैं। इन सभी फिल्मों में देश विभाजन के बाद भारत-पाकिस्तान में रह रहे लोगों की कसक को दिखाया गया। इन फिल्मों में यह भी दिखाने का प्रयास किया गया है कि दोनों देशों की संस्कृति एक है। अवाम के दिलों में भी भारत के प्रति प्रेम है, लेकिन दोनों देशों के बीच खिंची सरहद की लकीर और राजनीति लोगों को मिलने नहीं दे रही।
    देश विभाजन की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्मों की सूची काफी लंबी है। इनमें प्रमुख फिल्में हैं गदर, पिंजर, ट्रेन टू पाकिस्तान, सदियां, उरी, राजी, सरबजीत और ऐसी दर्जनों ऐसी फिल्में जिनकी शूटिंग अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर और पठानकोट जिलों में हुई है। ये सभी फिल्में देश विभाजन के बाद उपजी त्रासदी और सामरिक संबंधों पर आधारित थी। इनमें फिल्मकारों ने दर्शकों को यह बताने या दिखाने की कोशिश की है, कि भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद दोनों देशों के रिश्तों में कितनी तल्खी है। इन दिनों भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं हैं। जो भावनाएं इन दिनों हालात से निर्मित हुई है, सिनेमा हाल के अंदर इस तरह के हालात हमारी फिल्मों ने कई बार निर्मित किए हैं। भारत-पाक को लेकर बनी फिल्मों को भी सफलता की गारंटी माना जाता है। मई 2018 में रीलिज हुई फिल्म 'राजी' हो या हाल में प्रदर्शित 'उरी!' इन सभी फिल्मों ने सिनेमाघरों में दर्शकों को अंत तक बांधे रखा और अच्छी कमाई की।
     'गदर' और 'ट्रेन टू पाकिस्तान' दोनों फिल्मों दिखाया गया है कि किस तरह रेलगाडियों पर लोगों की लाशें पाकिस्तान से भारत आ रही हैं। कल तक एक दूसरे का दुखदर्द साझा करने वाले हिंदू और मुसलमान एक-दूसरे खून के प्यासे हो जाते हैं। 'पिंजर' में लोगों ने देखा कि देश विभाजन के दौरान एक लड़की का धर्म जबरन बदला जाता है। कुछ ऐसा ही 'रिफ्यूजी' में भी दिखाने की कोशिश की गई थी। अभिषेक बच्चन द्वारा अभीनित इस फिल्म की भी ज्यादातर शूटिंग पंजाब में ही हुई है। अब हाल ही में सलमान खान द्वारा अभिनित फिल्म 'भारत' की शूटिंग भी लुधियाना और अमृतसर में हुई है। इस फिल्म में भी भारत विभाजन के दृश्यों को फिल्माया गया है।
  इससे पहले भी भारत में पाकिस्तानी फिल्मों का प्रदर्शन होता रहा है। 2008 में पाकिस्तानी निर्देशक शोएब मंसूर की फिल्म 'खुदा' के लिए आई थी। यह पिछले 43 सालों में शायद पहली फिल्म थी, जो सरहद के बाहर भारत में प्रदर्शित की गई थी। इसके बाद महरीन जब्बार की फिल्म 'राम चंदर पाकिस्तानी' आई थी। यही नहीं सन 2011 में मंसूर की फिल्म 'बोल' को भी भारत में रीलिज किया गया, जिसे अच्छी सफलता मिली थी। भारत में प्रदर्शित इन सभी फिल्मों में भारत-पाक सरहद पर बसे गांवों के लोगों की परेशानियों को दिखाया गया, जिसमें वे गलती से सीमा पार कर भारत में दाखिल हो जाते हैं। इन फिल्मों में यह भी दिखाने का प्रयास किया गया है कि दोनों देशों के लोगों की संस्कृति (भारत और पाकिस्तान के पंजाब) और बोलचाल एक जैसी है। बीएसएफ से लेकर जेलों में बंद पाकिस्तानी कैदियों, जो रास्ता भटककर भारत आ जाते हैं के साथ मधुर व्यवहार को दिखाया गया है। इन सभी फिल्मों ने भारत में अच्छी कमाई की है। इसके साथ भारतीय फिल्म 'बजरंगी भाईजान' और 'वीरजारा' ने भी पाक में अच्छी कमाई की थी।
   अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों, लक्ष्य, बार्डर और एलओसी कारगिल, फैंटम, हिंदुस्तान की कसम (नई और पुरानी) और 'द हीरो' सबसे सफल फ़िल्में हैं, जो भारत-पाक के रिश्तों पर बनी है! इसके अलावा भारतीय जासूसों जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए लंबे समय तक पाकिस्तान में जासूसी की, उनके जीवन पर आधारित कुछ चुनिंदा फिल्मों की बात करें, तो सलमान खान की फिल्म एक था टाईगर, टाईगर अभी जिंदा और अब पिछले साल रीलिज हुई आलिया भट्ट अभिनित 'राजी' थी। यदि फिल्मों की कमाई की बात करें तो गदर ने तब 77 करोड़, कश्मीर में पकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर बनी फिल्म 'द हीरो' ने 26 करोड़ और हरेंद्र सिक्थ के उपन्यास 'कालिंग सहमत' पर बनी फिल्म 'राजी' जिसमें दिखाया गया है कि 1971 के भारत-पाक जंग में एक युवा लडकी जो भारत की कवर एजेंट थी और देश के लिए किस तरह से पाकिस्तान में जासूसी करती है। इस फिल्म दोनों देशों के संबंधों पर फिल्मों की सफलता सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 122 करोड की कमाई की थी जो बॉक्स ऑफिस पर सफल मानी गई। 
   भारतीय सेना के पराक्रम पर बनी 'गाजी' ने भी खासी कमाई की, जबकि इन दिनों प्रदर्शित 'उरी' ने तो भारतीय लोगों में एक नया जज्बा भर दिया। वह सर्जिकल स्ट्राइक से इतने प्रभावित हुए, मानों उन्हीं ने जाकर यह काम अंजाम किया हो। कुछ लोग यह मानते हैं कि इस फिल्म से खीजकर ही पुलवामा पर आतंकवादी हमला हुआ है। हाल ही में जो 'एयर स्ट्राइक' और अभिनंदन की वापसी हुई है उससे भी कई फिल्मकारों को आगामी फिल्म का मसाला मिल गया होगा। 
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