Friday 15 December 2017

उम्र के शतक से 5 साल दूर है 'ट्रेजडी किंग'

जन्मदिन : दिलीप कुमार


- एकता शर्मा 
   हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अभिनय के सरताज कहे जाने वाले दिलीप कुमार उर्फ़ युसूफ खान आज 95 साल के हो गए। अब वे उम्र का शतक लगाने से महज 5 साल दूर हैं। लेकिन, अभिनय का ये बादशाह इन दिनों निमोनिया से पीड़ित है और इस स्थिति में नहीं है कि अपना जन्मदिन मना सकें! डॉक्टर्स ने उन्हें इंफेक्शन से बचने की सलाह दी है। उनकी पत्नी सायरा बानो ने उनके जन्मदिन के बारे में जानकारी जरूर दी है कि दिलीप साहब के बर्थडे पर उनके परिवारवाले, रिश्तेदार, दोस्त सब मिलते हैं। दिलीप साहब को बहुत से चाहने वाले अपनी दुआएं भेज रहे हैं! मैं उनकी शुक्रगुजार हूं, धन्यवाद। सायरा ने चाहने वालों को बताया कि मुझसे लगातार पूछा जा रहा है कि इस बार उनका जन्मदिन कैसे मनाया जाएगा? इस पर सायरा ने कहा कि जिन्हें नहीं  पता, मैं उन्हें बता दूं कि हर साल उनके जन्मदिन पर घर फूलों से सजता है। हमारे घर के दरवाजे सभी रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए खुले रहते हैं, ताकि वो आए और दिलीप साहब के साथ समय बिताएं! लेकिन, इस बार ऐसा नहीं होगा! क्योंकि, डॉक्टर्स ने उन्हें इंफेक्शन से बचने की सलाह दी है। 
   दिलीप कुमार को उनके दौर के बेहतरीन अभिनेताओं में गिना जाता है। त्रासद भूमिकाओं के लिए मशहूर होने के कारण उन्हें 'ट्रेजिडी किंग' की उपाधि भी मिली। 1995 में उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1998 में उन्हे पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ भी प्रदान किया गया। हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय अभिनेता है जो भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा के सदस्य रह चुके है। उनका जन्म 11 दिसंबर 1922 को पेशावर में हुआ। उनका जन्म नाम मुहम्मद युसुफ़ खान है। उनके पिता मुंबई आ बसे थे, जहाँ उन्होने हिन्दी फ़िल्मों में काम करना शुरू किया। उन्होंने फिल्मों में आने के बाद अपना नाम बदलकर दिलीप कुमार रख दिया, ताकि उन्हे हिन्दी फ़िल्मो में ज्यादा पहचान और सफलता मिले।
  उन्होंने उस दौर की लोकप्रिय अभिनेत्री सायरा बानो से 1966 में विवाह किया। विवाह के समय दिलीप कुमार 44 वर्ष और सायरा बानो की 22 वर्ष की थीं। 1980 में कुछ समय के लिए आसमां से दूसरी शादी भी की थी। 1980 में उन्हें सम्मानित करने के लिए मुंबई का 'शेरिफ' घोषित किया गया। उनकी पहली फ़िल्म 'ज्वार भाटा'(1944) थी। 1949 में आई फ़िल्म 'अंदाज़' की सफलता ने उन्हे प्रसिद्धी दिलाई। इसमें उन्होने राज कपूर के साथ काम किया। दीदार (1951) और देवदास (1955) जैसी फ़िल्मो में त्रासद भूमिकाओं के मशहूर होने के कारण उन्हे 'ट्रेजिडी किंग' कहा गया। मुगले एआज़म (1960) में उन्होने मुग़ल राजकुमार जहांगीर की भूमिका निभाई। यह फ़िल्म पहले ब्लैक एंड व्हाइट थी और 2004 में रंगीन बनाई गई। उन्होने 1961 में गंगा-जमुना फ़िल्म का निर्माण भी किया, जिसमे उनके साथ उनके छोटे भाई नासीर खान ने काम किया था।
  1980 के बाद उन्होंने चुनिंदा फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया। इस समय की उनकी प्रमुख फ़िल्मे थी: विधाता (1982), दुनिया (1984), कर्मा (1986), इज्जतदार (1990) और सौदागर (1991)। 1998 में बनी 'किला' उनकी आखरी फ़िल्म है। उन्होने रमेश सिप्पी की फ़िल्म शक्ति में अमिताभ बच्चन के साथ काम किया। इस फ़िल्म के लिए उन्हे फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी मिला। आज वे 95 साल के पूरे हो गए, शुभकामना है कि वे उम्र का शतक मारें।  
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