Sunday 3 September 2017

हीरो मुगालते दूर कर देती है एक फ्लॉप

- एकता शर्मा 

   इस साल को बड़ी-बड़ी फिल्मों के लगातार फ्लॉप होने के लिए भी शायद याद किया जाएगा। साल के 8 महीने बीत चुके हैं, पर बड़ी फिल्मों के हिट होने का दौर ही नजर नहीं आया। काबिल और बाहुबली-2 जैसी गिनी चुनी फ़िल्में रही, जो बड़े बजट की होने के बावजूद हिट हुई! जबकि, रंगून, राब्ता, सरकार-3, मशीन, मेरी प्यारी बिंदू, हैरी मेट सेजल, जग्गा जासूस, मेरी प्यारी बिंदू और ट्यूबलाइट जैसी बड़े बजट की फिल्मों ने पानी तक नहीं माँगा! इस साल अब्बास मुस्तान की फिल्म 'मशीन' को भी बड़ी फ्लॉप में गिना जाएगा। जबकि, अब्बास-मुस्तान के खाते में रेस और बाज़ीगर जैसी सुपर हिट शानदार फिल्में दी है। लेकिन, अब्बास अपने बेटे मुस्तफा को बॉलीवुड में ठीक से लांच नहीं कर सके। लगभग 35 करोड़ की ये फिल्म महज़ 3 करोड़ ही कमा सकी। दरअसल, अब यह मान लिया गया है कि फिल्म बनाना बिजनेस हैं। पैसा निवेश करके हिट फ़िल्में बनाकर मुनाफा कमाया जा सकता हैं। लेकिन, यहाँ तबाही का इतिहास भी बहुत पुराना है।  
  ऐसा शायद कोई अभिनेता नहीं है जिसने जीवन में फ्लॉप ला स्वाद न चखा हो! राज कपूर, दिलीप कुमार और राजेंद्र कुमार से लगाकर अमिताभ बच्चन तक के जीवन में ऐसे कई दौर आ चुके हैं। अमिताभ के संघर्ष के दौर में कई फ़िल्में फ्लॉप हुई। सात हिन्दुस्तानी, सौदागर, बंसी-बिरजू जैसी करीब पाँच फ़िल्में एक के बाद एक धराशाही हुई। लेकिन, इसके बाद वे सफल अभिनेता बनकर उभरे। उन्होंने लगातार हिट फिल्में दीं! पर, एक दौर ऐसा भी आया कि उनकी फ़िल्में फिर से नकार दी गई! सूर्यवंशम, लाल बादशाह, खुदा गवाह जैसे कई नाम इस लिस्ट में हैं। इनमें अजूबा, रामगोपाल वर्मा के शोले और सरकार-3 जैसी फ़िल्में भी है जो महाफ्लाप हुई। 
    बॉलीवुड में फिल्मों के बिजनेस को आंकने के लिए सामान्य तौर पर छह कैटेगरी है। एवरेज, हिट, सुपरहिट, ब्लॉकबस्टर, फ्लॉप और डिजास्टर यानी सुपर फ्लॉप। डिजास्टर से आशय है कि फिल्म के निर्माता-निर्देशक और जुड़े अन्य लोगों पर आपदा जैसा पहाड़ टूटता है। बीते वक़्त में राज कपूर की फिल्म 'मेरा नाम जोकर', सतीश कौशिक के निर्देशन में बनी 'रूप की रानी चोरों का राजा', शाहरुख़ खान और करीना कपूर की फिल्म 'अशोका' के अलावा हाल ही में कबीर खान की फिल्म 'ट्यूबलाइट' को इसी श्रेणी में माना जाता है।         
  फिल्मों के हिट और फ्लॉप होने का अपना ही फार्मूला है जो पूरी तरह दर्शकों  और नापसंद से जुड़ा है। 'रोजा' जैसी हिट फिल्म बनाने वाले निर्देशक मणिरत्नम ने जब अभिषेक बच्चन पर 'रावण' में दांव लगाया, तब उन्हें बिल्कुल अहसास नहीं था उनके हाथ असफलता लगने वाली है। यदि इसी साल की बात की जाए तो ईद पर हमेशा हिट देने वाले सलमान खान को बार इस बार दर्शकों ने 'ट्यूबलाइट' के लिए ईदी नहीं दी! खुद को रोमांटिक नायक समझने वाले शाहरुख़ खान भी 'हैरी मेट सेजल' में पिटा गए। ये कहानी अभी खत्म नहीं हुई है। फ़िल्में भी आती रहेंगी और फ्लॉप भी होती रहेंगी।     
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