Saturday 30 September 2017

खामोश हो गया हिंदी सिनेमा का ये विदेशी कलाकार

श्रद्धांजलि : टॉम ऑल्टर

- एकता शर्मा 

  हिंदी फिल्मों के जाने-माने विदेशी एक्टर टॉम ऑल्टर का निधन हो गया। वे स्क्वॉमस सेल कार्सिनोमा (स्किन कैंसर) से पीड़ित थे और कैंसर की चौथी स्टेज में थे। टॉम ने टीवी और फिल्मों के अलावा थियेटर में भी लंबे समय तक काम किया। फिल्मों में आने से पहले वे स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट भी रहे। वे पहले ऐसे पत्रकार थे जिन्होंने सचिन तेंदुलकर का इंटरव्यू लिया था। अच्छे एक्टर के अलावा ऑल्टर लेखकर भी रहे। उन्होंने एक नॉन फिक्‍शन और दो फिक्‍शन किताबें लिखीं।

   300 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके टॉम ने 1990 में टीवी शो 'जुनून' में केशव कालसी का किरदार निभाया था। ये शो पांच साल तक चला था। उन्होंने धर्मेंद्र की फिल्म 'चरस' से 1976 में फिल्मों में काम की शुरुआत की थी। फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया पुणे से उन्होंने 1974 में डिप्लोमा करने के दौरान उन्हें गोल्ड मैडल मिला था। टॉम ने कई फिल्मों में विदेशी विलेन  किरदार किये। कला और फिल्म जगत में उनके योगदान के लिए 2008 में उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। टॉम उर्दू साहित्य में भी रुचि रखते थे। उन्होंने मिर्जा गालिब का किरदार भी किया था।
  1977 में ऑल्टर ने नसीरुद्दीन शाह के साथ मिलकर 'मोल्टे प्रोडक्शन' के नाम से एक थियेटर ग्रुप बनाया था। वे थियेटर में लगातार सक्रिय रहे। उनकी खास फिल्मों की बात करें, तो परिंदा, शतरंज के खिलाड़ी और क्रांति जैसी फिल्में शामिल हैं। वे आखिरी बार 'सरगोशियां' में नजर आए थे। 
  टॉम आल्टर ने एक बार एक पुस्तक के विमोचन दौरान कहा था कि मेरी पहली मुहब्बत ने मुझे हिंदी सिखा दी। वह इतनी खूबसूरत थी, जिसे देख-देखकर मै हिंदी सीख गया। उन्होंने बेबाकी से अपनी पहली मुहब्बत का बखान किया था। उन्होंने कहा था कि उनकी पहली मुहब्बत हिंदी टीचर थी, जिसे देख और सुनकर उन्होंने हिंदी सीख लिया। तब मैं कक्षा चौथी में पढ़ता था। उन्हीं की बदौलत आज फिल्म इंडस्ट्री में हूं। टॉम आल्टर ने कहा था कि कोई उनकी उम्र के बारे में सवाल न करें। मै आज भी जवान हूं। उन्होंने सही कहा था, ये उम्र उनके जाने की भी नहीं थी, पर चले गए।
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