Monday 3 August 2020

सितारों को नचाने वाली सरोज की आखिरी स्टेप!

स्मृति शेष : सरोज खान

- एकता शर्मा
     रोज खान नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। ये नाम जहन में आते ही एक डांसर का चेहरा सामने आ जाता है। ऐसी डांसर का जिसने कई हीरोइनों को अपने इशारों पर नचाया। जिस माधुरी दीक्षित को आज धक् ... धक् गर्ल के रूप में जाना जाता है, वो सरोज खान की ही डांसिग खोज है। 'एक-दो-तीन' डांसिंग स्टेप्स भी इसी कोरियोग्राफर की देन था। ये भी कहा जा सकता है कि माधुरी को नंबर वन तक पहुंचाने में सरोज खान की बड़ी भूमिका रही। माधुरी की प्रतिभा को सरोज ने ही पहचाना और उसे तराशकर हीरा बना दिया। श्रीदेवी का 'चांदनी' वाला गाना 'मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियाँ हैं' भी इसी कोरियोग्राफर की रचना है। वो सरोज खान अब नहीं रही, बीते रात डेढ़ बजे दिल के दौरे ने उन्हें दुनिया से विदा कर दिया। वे 71 साल की थीं। उनके साथ ही फिल्म डांसिग का एक युग ही समाप्त हो गया, जिसने परदे पर हीरोइनों को नए ज़माने के डांस से परिचित करवाया। सरोज खान को 20 जून को सांस की परेशानी के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका कोविड टेस्ट भी हुआ, जो निगेटिव आया। धीरे-धीरे उनकी तबियत संभल रही थी और अस्पताल से छुट्टी मिलने वाली थी, लेकिन अचानक रात में उनकी तबियत बिगड़ी और उन्हें बचाया नहीं जा सका। 

   उन्होंने माधुरी दीक्षित और श्रीदेवी जैसी नामचीन हीरोईनों को डांसिंग स्टेप्स सिखाई। लेकिन, बाद में किसी बात पर उनके श्रीदेवी से संबंध मधुर नहीं रहे। इस वजह से कई अच्छी फ़िल्में निकल गई थी। लेकिन, 'तेजाब' के माधुरी के डांस ने उन्हें लोकप्रियता दिलाई और वे दर्शकों की नजरों में चढ़ गईं! इसके बाद 'सैलाब' और 'अंजाम' ने उनको जो पहचान दी, जिसने कई बड़े कोरियोग्राफर्स को पीछे छोड़ दिया। अपने करीब 40 साल के डांसिंग करियर में सरोज खान ने कई सितारों को नचाया। उन्होंने 2 हज़ार से ज्यादा फिल्मों में गानों की कोरियोग्राफी की। उन्हें तीन बार कोरियोग्राफी को लेकर नेशनल अवॉर्ड भी मिले। 'देवदास' फिल्म के गाने 'डोला-रे-डोला' जो माधुरी और ऐश्वर्या पर फिल्माया गया था, जिस पर उन्हें कोरियोग्राफी का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। इससे पहले 'तेजाब' के आइटम सांग 'एक-दो-तीन' और 'जब वी मेट' के गाने 'ये इश्क ...' के लिए भी उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला। सरोज खान की अंतिम फिल्म करण जौहर की 'कलंक' थी, जिसमें सरोज खान ने माधुरी के लिए 'तबाह हो गए' गाना कोरियोग्राफ किया था। 
   सरोज खान का वास्तविक नाम निर्मला नागपाल था। उनके पिता किशनचंद सद्दू सिंह और माँ नोनी सिंह देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान से भारत आ गए थे। सरोज को बचपन से ही एक्टिंग और डांस का शौक था। तीन साल की उम्र में सरोज ने बाल कलाकार के रूप में फिल्मों में काम शुरू किया। पहली फिल्म 'नजराना' थी, जिसमें सरोज ने श्यामा नाम की बच्ची की भूमिका की थी। इसके बाद सरोज खान ने डांस की दुनिया में कदम रखा और बैकग्राउंड डांस करना शुरू किया। उन्होंने बी.सोहनलाल से कोरियोग्राफर की शिक्षा ली। 1974 में उन्हें पहली बार 'गीता मेरा नाम' में अकेले काम मिला था। लेकिन, बहुत मेहनत के बाद भी उनके काम को लम्बे समय तक पहचाना नहीं गया। मिस्टर इंडिया, नगीना, चांदनी, तेजाब, थानेदार, बेटा, सैलाब और 'जब वी मेट' उनकी वे फ़िल्में रही जिसने उन्हें पहचान दी। बाद में उन्होंने अपने करियर में कई नए कोरियोग्राफर को जन्म दिया और एक पीढ़ी शुरू की।
   उनका वास्तविक नाम निर्मला नागपाल है, जिसके सरोज खान बनने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। उन्होंने अपने डांस गुरु बी. सोहनलाल से 13 साल की उम्र में शादी की। बताते हैं कि सरोज उन दिनों स्कूल में पढ़ती थी! तभी एक दिन सोहनलाल ने उनके गले में काला धागा बांध दिया और दोनों की शादी हो गई। दोनों की उम्र में 30 साल का अंतर था। सरोज खान से शादी के वक्त सोहनलाल ने अपनी पहली शादी की बात छुपाई थी। 1963 में सरोज खान के बेटे राजू खान के जन्म के समय उन्हें सोहनलाल की पहली शादी के बारे में जानकारी मिली। किंतु, सोहनलाल ने सरोज के बच्चों को अपना नाम देने से मना कर दिया। इसके बाद दोनों के बीच दूरियाँ बढ़ती गई! सरोज की एक बेटी कुकु भी हैं। सरोज ने दोनों बच्चों की परवरिश अकेले ही की। एक बार सरोज खान ने बताया था कि इस्लाम धर्म मैंने अपनी मर्जी अपनाया था। मुझ पर कोई दबाव नहीं था। इसलिए कि मुझे इस्लाम धर्म से प्रेरणा मिली। 
सितारे दुखी  
   फिल्म इंडस्ट्री के कोरियोग्राफर और कलाकार सरोज खान को याद करके दुखी हैं। मनीषा कोइराला उनके निधन से सदमे में हैं। उन्होंने ट्वीट किया 'सुबह उठते ही ये दुखद समाचार मिला। मैं बचपन से ही क्लासिकल डांस सीखी हूं। सरोज खान ने ही मुझे डांस सिखाया था जब मैंने फिल्मी करियर शुरू किया था। वो एक सख्त कोरियोग्राफर थीं और महान भीं! एक्टर अक्षय कुमार भी सरोज खान के निधन से दुखी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। वो लिखते हैं, मुझे दुखद समाचार मिला कि लेजेंड्री कोरियोग्राफर सरोज खान हमारे बीच नहीं रही! उन्होंने डांस को इतना आसान बना दिया था कि मानो हर कोई डांस कर सकता है। इंडस्ट्री के लिए ये बड़ा नुकसान है। उनकी आत्मा को शांति मिले। 
   अनुपम खेर ने भी सरोज खान की याद में इमोशनल नोट लिखा। उन्होंने उनकी जमकर तारीफ की और लिखा 'डांस की मल्लिका सरोज खानजी अलविदा! आपने कलाकारों को ही नहीं बल्कि पूरे हिन्दुस्तान को बहुत ख़ूबसूरती से सिखाया कि इंसान शरीर से नहीं, दिल और आत्मा से नाचता है! आपके जाने से नृत्य की एक लय डगमगा जाएगी! मैं पर्सनली न सिर्फ़ आपको बल्कि आपकी मीठी डांट को भी बहुत मिस करूँगा। निमृत कौर ने भी सरोज खान को याद किया। वो अपनी जिंदगी में उनका बड़ा योगदान मानती हैं। उन्होंने ट्वीट किया 'सरोजजी ने मुझे कोरियोग्राफर शब्द से रूबरू करवाया था। उन्होंने बेहतरीन काम से हर उस सितारे को भी अमर कर दिया और हर उस गाने को भी जिसमें उन्होंने काम किया। उनके परिवार को भगवान शक्ति दे। उनके जैसा अब कोई नहीं होगा।
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