Wednesday 13 February 2019

अधूरी इच्छाओं और दुखभरे जीवन वाली निष्णात खूबसूरती 'मधुबाला'


- एकता शर्मा 

  ज यदि किसी से पूछा जाए कि फिल्मों की सबसे खूबसूरत अभिनेत्री कौनसी है, तो उसके जहन में कई नाम एक साथ उभरेंगे! लेकिन, यदि सर्वकालीन खूबसूरत अभिनेत्री की बात की जाए तो अधिकांश लोग 'मधुबाला' को ही सबसे खूबसूरत मानेंगे! वास्तव में आज भी कोई अभिनेत्री मधुबाला के मुकाबले में सुंदर नहीं है। वे सिर्फ चेहरे से ही सुंदर नहीं थीं, उनके अभिनय में एक आदर्श भारतीय नारी को देखा गया था! चेहरे से भावाभियक्ति तथा नज़ाक़त उनकी प्रमुख खासियत थी। मधुबाला की अभिनय प्रतिभा, व्यक्तित्व और खूबसूरती को देखकर यही कहा जाता है कि वे भारतीय सिनेमा की आज भी उनकी जोड़ की कोई अभिनेत्री नहीं हुई! हिन्दी फ़िल्मों में मधुबाला के अभिनय काल को स्वर्ण युग कहा जाता है।
    मधुबाला का जन्म 14 फरवरी 1933 को दिल्ली में हुआ था। उन्होंने बचपन से ही फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया और साल 1949 में फिल्म 'महल' के साथ उन्हें पहली बड़ी कामयाबी भी मिली। इसके बाद मधुबाला ने अमर, मिस्टर एंड मिसेज 55, काला पानी, चलती का नाम गाड़ी और 'मुगल-ए-आजम' जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया। अपने अभिनय से उन्होंने करोड़ों प्रशंसकों के दिलों पर अपनी खूबसूरती और अभिनय की छाप छोड़ी। अपने करियर के दौरान उनका नाम कई अभिनेताओं के साथ जोड़ा गया! लेकिन, दिलीप कुमार के साथ उनकी हाई-प्रोफाइल लव स्टोरी को खास तवज्जो मिली! बीआर चोपड़ा ने फिल्म 'नया दौर' के लिए पहले मधुबाला को ही साइन किया था, लेकिन उनके पिता मुंबई से बाहर शूटिंग के लिए राजी नहीं हुए और मधुबाला को ये फिल्म छोड़ना पड़ी! बाद में ये सारा विवाद कोर्ट तक गया और कहा जाता है कि दिलीप कुमार ने अदालत में मधुबाला के खिलाफ गवाही दी थी। इससे मधुबाला का दिल टूट गया था। दिलीप कुमार से ब्रेकअप के बाद मधुबाला को अपनी दिल की लाइलाज बीमारी के बारे में पता चला। इसी दौरान उनकी किशोर कुमार से शादी हुई। कहा जाता है कि सबकुछ पाकर भी मधुबाला की एक इच्छा अधूरी ही रही! वे बिमल रॉय की फ़िल्म 'बिराज बहू' में काम करना चाहती थीं। उन्होंने इस फिल्म के लिए बिमल रॉय के दफ़्तर के कई चक्कर भी लगाए! लेकिन, बिमल रॉय ने उन्हें कास्ट नहीं किया। मधुबाला को अंतिम वक़्त तक इस बात का अफ़सोस रहा!      
  मधुबाला का बचपन का नाम 'मुमताज़ बेग़म जहाँ देहलवी' था। कहा जाता है कि एक भविष्यवक्ता ने उनके माता-पिता से ये कहा था कि मुमताज़ बहुत ख्याति तथा सम्पत्ति अर्जित करेगी! लेकिन, उसका जीवन बेहद दुखद होगा। ये बात सुनकर उनके पिता अयातुल्लाह खान दिल्ली से बंबई एक बेहतर जीवन की तलाश में आ गए थे। यहाँ आकर उन्होंने बेटी के बेहतर जीवन के लिए काफ़ी संघर्ष भी किया। लेकिन, फिल्मों में उनका आगमन 'बेबी मुमताज़' के नाम से ही हुआ। उनकी पहली फ़िल्म 'बसंत' थी जो 1942 में आई! देविका रानी इस फिल्म में उनके अभिनय से बहुत प्रभावित हुई और नाम मुमताज़ से बदलकर 'मधुबाला' रख दिया। इसके बाद उन्होंने कभी पलटकर नहीं देखा और 'मुगल-ए-आजम' के बाद तो वे सितारा बन गईं थी। अपने छोटे से एक्टिंग करियर में मधुबाला को करोड़ों लोगों का प्यार मिला। उनकी फिल्में भी बेहद कामयाब रही। लेकिन, उनकी निजी जिंदगी में भी एक साथ कई तरह की परेशानियां चलती रही। दिलीप कुमार के साथ उनकी अधूरी प्रेम कहानी हो या किशोर कुमार के साथ उनकी शादीशुदा जिंदगी! 23 फरवरी 1969 को महज 36 साल की उम्र में मधुबाला ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। 
   बॉलीवुड की इस महान शख्सियत पर बायोपिक बनाने का ऐलान हो गया है! भारतीय सिनेमा की वीनस कही जाने वाली मधुबाला की निजी जिंदगी जल्द ही पर्दे पर देखने को मिल सकती है। मधुबाला की छोटी बहन मधुर बृजभूषण ने दो साल पहले यह बात कही थी। उन्होंने कहा था कि कई फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों ने उनकी बहन पर बायोपिक बनाने में दिलचस्पी दिखाई है, लेकिन उन्होंने अभी तक किसी को भी इस फिल्म के लिए फाइनल नहीं किया है। फिलहाल ये आइडिया शुरुआती स्तर पर ही है। 
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