Sunday 15 December 2019

पिता ने बेटी का यौन शोषण किया, माँ अंजान बन गई!

- एकता शर्मा

   ये कहानी दो ऐसी बच्चियों की है, जिनका शोषण उनके घर में ही उनके पिता ने किया। बड़ी बेटी तो पिता की हवस का शिकार बन गई, पर छोटी पर भी उसकी नीयत ख़राब होने लगी थी! यदि बाल कल्याण समिति मध्यस्त बनकर बच्चियों को नहीं बचाती, तो हो सकता है कोई बड़ी घटना घट जाती! ख़ास बात ये कि हादसा होने के बाद भी किसी को पता नहीं चलता और बच्चियाँ शोषित होती रहती!  धार के भोज अस्पताल परिसर में दो बहनें 12 साल की शांति और 8 साल की शोभा निराश्रित स्थिति में कचरा बीन रही थी। इन दोनों बहनों देखकर लोगों को अहसास हुआ कि बात कुछ संदिग्ध है। उनसे बात की गई, तो वे ठीक से जवाब नहीं दे सकीं।
   इस बीच किसी ने बाल कल्याण समिति के एक सदस्य को इस बात की सूचना दी। जानकारी मिलने पर बाल कल्याण समिति के सदस्य आए और दोनों बहनों को अपने साथ ले गए। उनसे उनके परिवार और माता-पिता के बारे में पूरी जानकारी ली। समिति के सदस्यों ने विचार-विमर्श करके दोनों बहनों को घर भेजने की कोशिश की। लेकिन, जब उन्हें घर भेजने की बात आई, तो बड़ी बच्ची शांति रोने लगी! उसने घर जाने से साफ़ इंकार किया और अजीब से डर से सहम गई! बाल कल्याण समिति के सदस्यों के लिए यह स्थिति अप्रत्याशित थी! क्योंकि, ऐसे बच्चे घर जाने से कभी इंकार नहीं करते! लेकिन, बड़ी बच्ची को देखकर लगा कि वो किसी भी परिस्थिति में घर नहीं जाएगी!  
  उसकी इस हालत को देखकर बाल कल्याण समिति ने उसे काउंसलर के पास भेजा। काउंसलर ने सारे हालात को समझा और बच्ची को समझाया! उससे उसकी घबराहट का कारण पूछा और सच्चाई जानना चाहा! बड़ी मुश्किल से बताया कि उनका पिता उनसे सड़क पर कचरा और पन्नी बिनवाने का काम करवाता है। मना करने पर मारपीट करता है और मां से भी शराब पीकर मारपीट कर करता है। इस कारण माँ कुछ दिनों से सबको छोड़कर मायके चली गई। शांति ने बताया कि जब मां नहीं होती, तो उनका पिता उसके साथ जबरदस्ती करता है। उसने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया है। पिता की इस हरकत से उसे असहनीय पीड़ा होती है, इस कारण वह घर जाना नहीं चाहती! उसने बताया पिता उसके साथ लगभग 3 महीनों से यही कृत्य कर रहा है।
   काउंसलर बाल कल्याण समिति को जानकारी दी कि दोनों बच्चियाँ बहुत डरी और सहमी हुई थी। बड़ी बच्ची की उम्र रिकॉर्ड पर 12 साल है, किंतु प्रत्यक्ष बात करने पर उसकी उम्र 10 वर्ष के करीब लगती है। वह इतनी सहमी हुई थी, कि सामान्य तौर पर किसी पर विश्वास नहीं कर पा रही थी। मुझे भी यह बात बताने में भी उसने 3 दिन का समय लिया। बहुत मुश्किल से शांति ने काउंसलर पर विश्वास किया और सारी बातें बताई। इसके बाद काउंसलर ने मामला किशोर न्याय बोर्ड के पीठासीन अधिकारी को बताया। उनके द्वारा शिकायत करने पर शांति के पिता के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ। न्यायालय में शांति के बयान हो चुके हैं। 
  इस केस की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि न्यायालय में शांति की माँ के बयान होने पर जब उसे बताया कि उसके पति ने अबोध बेटी से दुष्कर्म किया है, तो उसने भी पति के पक्ष में बयान देते हुए मामले की जानकारी नहीं होना बताया। इसके बाद न्यायालय ने सुरक्षा की दृष्टि से दोनों बच्चियों को इंदौर के बाल आश्रय गृह में रखने का आदेश दिया है। फिलहाल शांति और शोभा दोनों इंदौर के छावनी स्थित बाल आश्रय गृह में रह रही हैं और खुश हैं। छोटी बच्ची अभी किसी भी स्थिति को समझने में सक्षम नहीं है, किंतु बड़ी वाली शांति अपनी उम्र से पहले ही बहुत बड़ी हो गई! लेकिन, सामान्य स्थिति में आने में अभी उसे समय लगेगा। बाल आश्रय गृह के संचालकों का कहना है कि शांति पढ़ाई में बहुत तेज है और बहुत जल्द ही अपनी सामान्य जिंदगी जीने लगेगी!
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