Monday 16 July 2018

संजय दत्त की जिंदगी के पाँच पहलु है 'संजू' में



- एकता शर्मा

   संजय दत्त की जिंदगी के कई रंग रहे हैं। ये बाहर से दिखने में जितनी रंगीन थी, अंदर से उतनी ही बदरंग और उलझी हुई! संजय दत्त एक ऐसे परिवार से हैं, जिसकी समाज में काफी इज्जत रही है। पिता सुनील दत्त सिर्फ एक्टर ही नहीं थे, एक समाजसेवी के रूप में उनकी पहचान कहीं ज्यादा सशक्त थी। संजय की माँ नरगिस भी उन शख्सियतों में से थी, जो एक बेहतरीन एक्ट्रेस होने के साथ अपना अलग रसूख रखती थीं। लेकिन, इस दंपत्ति के बेटे संजय के जीवन का लम्बा अरसा काफी उलझनों में बीता। लाड़, प्यार और परिवार की शानोशौकत ने संजय को बिगड़ैल बना दिया था। संजय की जिंदगी में इतने उतार-चढ़ाव और मोड़ आए, जो किसी कहानी से कम नहीं थे। पिता-पुत्र का रिश्ता, तीन शादियां, कई अफेयर्स, अपराध, फिल्म, ड्रग्स, जेल की सजा जैसी बातें उनकी जिंदगी का हिस्सा रही हैं। यही कारण था कि राजकुमार हिरानी ने कोई काल्पनिक कहानी के बजाए संजय दत्त की जिंदगी को ही अपनी फिल्म 'संजू' के लिए चुना जो अब परदे पर उतरने के लिए तैयार है।  
  सुनील दत्त और नरगिस की पहली संतान संजय दत्त को बचपन में इतना प्यार मिला कि वे बिगडैल संतान बन गए। उनमें 'मदर इंडिया' के बिरजू के गुण पल्लवित होने लगे। यहीं से एडवेंचर ने उनकी जिंदगी में दस्तक दी और वह एक के बाद एक एडवेंचर करते रहे और ता उम्र उसमें उलझते रहे। उनका पहला एडवेंचर था नशे को आजमाना। संजय दत्त ने एडवेंचर की तरह आजमाया गया नशा, उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया। लेकिन, सुनील दत्त और नरगिस उसे इस दलदल से बाहर निकाल लाए। उसके बाद उन्होंने फिल्मों में काम करना आरंभ किया। पहली फिल्म 'राॅकी' के प्रदर्शन से पहले नरगिस के निधन ने उनके जीवन से प्रेम छिन लिया। उसके बाद जो कुछ हुआ, वो किसी एडवेंचर से कम नहीं है!
 ‘संजू’ के जरिए राजकुमार हिरानी संजय दत्त की जिंदगी के उन सभी पहलुओं से पर्दा उठाने की कोशिश की है, जो अभी तक लोग ठीक से नहीं जानते! इस फिल्म में संजय दत्त की जिंदगी के पांच दौर को समेटा गया है। इन पांच दौर में संजय दत्त की जिंदगी में जो कुछ घटा, उन सभी घटनाओं को रनबीर कपूर के जरिए बड़े परदे पर उतारा जाएगा। इसमें संजय दत्त के ड्रग्स एडिक्ट होने से लेकर उनकी 308 गर्लफ्रेंड्स तक के बारे जिक्र है। संजय का हीरोइनों से नाम जुड़ना सामान्य बात थी! लेकिन, फिल्म से माधुरी दीक्षित से उनके रिश्तों को अलग रखा गया है। 'खलनायक' के दौरान संजय दत्त और माधुरी दीक्षित एक-दूसरे के करीब आए थे। इस बीच संजय दत्त अपराध के दलदल में फंस गए और माधुरी ने उनसे दूरी बना ली। माधुरी-संजय का अफसाना संजय दत्त की जिंदगी का अहम मोड़ है। लेकिन, इस किस्से को फिल्म से अलग रखा गया है। 
  राजकुमार हिरानी ने इस फिल्म का प्लॉट तभी बना लिया था, जब संजय पुणे के यरवदा जेल से सजा काटकर निकले थे। हिरानी ने उनके बाहर आने का रियल शॉट लिया था, जो शायद फिल्म में भी दिखाई दे! संजय की जिंदगी इतनी पैचीदगी भरी है कि खुद संजय दत्त को भी उस पर आश्चर्य है कि वे उन रास्तों पर कैसे पहुंचे, जो उनके लिए नहीं बने थे! निर्देशक राजकुमार हिरानी ने खुलासा भी किया कि संजय दत्त फिल्म की स्क्रिप्ट सुनते वक्त रो पड़े थे। हिरानी ने संजय दत्त पर बायोपिक बनाने के लिए काफी रिसर्च किया है। संजय की जिंदगी के कई अनछुए पहलुओं को इसमें जगह दी गई! हिरानी का कहना है कि स्क्रिप्ट खत्म होने के बाद जब हम संजय दत्त के पास गए और पूरी कहानी सुनाई! इस स्क्रिप्ट को सुनने के बाद वे खुद पर काबू नहीं रख सके और रो पड़े! कहने लगे कि 'ढाई घंटे में तुमने मेरी सारी जिंदगी बता दी।' देखा जाए तो हमेशा चर्चा में बने रहना संजय दत्त का शगल रहा है। कभी वे अपनी हरकतों के कारण सुर्खियाँ बनते रहे, उन्हीं सुर्ख़ियों पर बनी फिल्म के कारण वे छाए हुए हैं। 
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