Saturday 28 October 2017

इंतजार कीजिए भंसाली के भव्य कास्ट्यूम ड्रामे का!

- एकता शर्मा

  बड़े परदे पर एक और भव्य कॉस्ट्यूम ड्रामा रिलीज होने की तैयारी में है। ये है संजय लीला भंसाली की भारी बजट वाली फिल्म 'पद्मावती' जिसके रिलीज होने की तारीख ने करीब 8 फिल्मों की रिलीज को प्रभावित किया। 'पद्मावती' के ट्रेलर ने ही सिर्फ 24 घंटे में 1.50 लाख व्‍यूज मिले! ट्रेलर के सामने आने के बाद से ही फैन्‍स ही नहीं, बॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियां भी भंसाली की इस आने वाली फिल्‍म की तारीफ कर चुकी हैं। 'पद्मावती' के ट्रेलर ने रिलीज होते ही एक रिकॉर्ड बना दिया। रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और शाहिद कपूर की इस फिल्‍म की शूटिंग के दौरान निर्देशक भंसाली को कई परेशानियां झेलनी पड़ी है। 
  ट्रेलर के सामने के बाद से ही दीपिका पादुकोण और शाहिद कपूर के लुक के साथ ही रणवीर सिंह के नेगेटिव शेड वाले लुक की भी तारीफ हो रही है। 'पद्मावती' में रणवीर सिंह ने सुलतान अलाउद्दीन खिलजी की भूमिका निभाई है। इस किरदार की एक झलक ने ही रणवीर सिंह ने फैन्‍स का दिल जीत लिया। ये फिल्म पहली दिसम्बर को रिलीज होगी। हिंदी फिल्मकारों ने अभी तक मुग़लकाल से जुडी कहानियों पर ही ज्यादा फ़िल्में बनाई गई है। जोधा, अकबर, जहांगीर, शाहजहाँ, पसंदीदा करैक्टर साबित हुए।
  इस साल जनवरी में जब जयपुर में 'पद्मावती' की शूटिंग शुरू हुई थी, तब राजपूत करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने संजय लीला भंसाली के साथ मारपीट की थी। इसके अलावा करणी सेना के लोगों ने फिल्म के सेट पर पहुंचकर भी काफी तोड़फोड़ की थी। इस दल के लोगों ने फिल्म की कहानी से जुड़े एक तथ्य पर आपत्ति जताते हुए ये कदम उठाने का दावा किया है। आरोप लगाया गया था कि ये फिल्म गलत तथ्यों पर बनाई जा रही है, यही कारण है कि हम इसका विरोध कर रहे हैं। करणी सेना का कहना है कि रानी पद्मावती के साथ अलाउद्दीन खिलजी का जो रोमांस दिखाने की कोशिश कथित तौर पर  फिल्म में की जा रही है, जो गलत है। उन्होंने कहा कि पद्मावती वो महिला थीं जिन्होंने अपनी आन-बान-शान के लिए जौहर किया था! लेकिन, अभी तक फिल्म की कहानी सामने नहीं आई, इसलिए दावा नहीं किया जा सकता कि ये आरोप कितने सही हैं! हाल ही में गुजरात के एक शहर में 'पद्मावती' की सात घंटों में बनी भव्य रंगोली को भी करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने बिगाड़ दिया था।    
  संजय लीला भंसाली से पहले फिल्मों के साइलेंट दौर में 1924 में बाबूराव पेंटर ने 'सति पद्मिनी' नाम से इसी कहानी पर फिल्म बनाई थी। चित्तौड़ की महारानी पद्मिनी की एक झलक दिल्ली का नवाब अलाउद्दीन ख़िलजी देख लेता है। पद्मिनी को पाने के लिए वो चित्तौड़गढ़ पर आक्रमण कर देता है। अलाउद्दीन ख़िलजी चित्तौड़ के राजपूतों को हरा तो देता है, पर पद्मिनी उसे नहीं मिलती! वो अलाउद्दीन के हाथ आने से पहले ही जौहर कर लेती है। कहा जाता है कि इतिहास में भी यही है। लेकिन, संजय लीला भंसाली की 'पद्मावती' की फिल्म के कथानक को लेकर अभी सिर्फ कयास ही लगाए जा सकते हैं। 
 अपना इतिहास देखना सबको अच्छा लगता है। लेकिन, इतिहास को किताब में पढ़ने और परदे पर देखने में फर्क है। जब फिल्मकार इतिहास को फंतासी अंदाज परदे पर उतारता है, तो दर्शकों का रोमांचित होना स्वाभाविक होता है। लेकिन, इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि ये ऐतिहासिक फ़िल्में सफल हो ही जाएंगी! इन ऐतिहासिक फिल्मों का इतिहास बताता है कि ये फार्मूला ही हमेशा चला! 
जब फिल्मों को आवाज मिली तो पहली बोलती फिल्म ही 'आलमआरा' कॉस्ट्यूम ड्रामा ही थी! निर्देशक सोहराब मोदी की यह हिंदी फिल्मों के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई। बाद में सोहराब मोदी ने पुकार, सिकंदर, पृथ्वी वल्लभ और झाँसी की रानी जैसी ऐतिहासिक फ़िल्में बनाई! 'झांसी की रानी' पहली टेक्नीकलर फिल्म थी। देखा गया है कि इतिहास से जुडी फिल्मों में भी महिला कैरेक्टरों को ही ज्यादा पसंद किया गया है। देखना है कि 'पद्मावती' क्या कमाल करती है! वैसे फिल्म के ट्रेलर ने उस धमाके का अंदाजा तो करवा ही दिया, जो एक दिसंबर को होने वाला है। 
-------------------------------------------------------------------

No comments:

Post a Comment