Saturday 15 June 2019

परदे के आगे और परदे के पीछे पिता-पुत्र की जोड़ियां!

- एकता शर्मा 

    बॉलीवुड में पिता-पुत्र की जोड़ी वाली फिल्में परदे पर हमेशा से ही धमाल मचाती रही है। फिल्म इंडस्ट्री का इतिहास देखें तो पचास के दशक से ही पिता-पुत्र की जोड़ी फिल्मों में पसंद की जाती रही है। वर्ष 1951 में प्रदर्शित फिल्म 'आवारा' में पृथ्वीराज कपूर और राज कपूर ने अपने अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। 'आवारा' के बाद राज कपूर ने अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के साथ वर्ष 1971 में प्रदर्शित 'कल आज और कल' में भी काम किया था। इस फिल्म में राज कपूर के पुत्र रणधीर कपूर ने भी  अभिनय किया था।  
     फिल्म इंडस्ट्री में सुनील दत्त ने जब भी अपने पुत्र संजय दत्त के साथ अभिनय किया तब फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई। सुनील दत्त और संजय दत्त की सुपरहिट जोड़ी सबसे पहले फिल्म 'रॉकी' में एक साथ नजर आई थी। इसके बाद 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' में भी दर्शकों ने दोनों को देखा! खास तौर पर फिल्म का वह दृश्य जिसमें संजय दत्त अपने पिता सुनील दत्त के गले लगते हैं, दर्शकों में काफी लोकप्रिय हुआ। 'यमला पगला दीवाना' सिरीज की तीन फिल्मों में बॉलीवुड के ही-मैन धर्मेन्द्र अपने पुत्र सनी देओल और बॉबी देओल के साथ धमाल मचाते नज़र आए। उसके पहले धर्मेन्द्र ने अपने पुत्रों के साथ 'अपने' में काम किया था। धर्मेन्द्र ने 80 और 90 के दशक में अपने पुत्र सनी देओल के साथ 'सल्तनत' और 'क्षत्रिय' जैसी फिल्मों में काम कर दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया। इस पिता-पुत्र की जोड़ी का बॉलीवुड में अनोखा रिकॉर्ड भी है। धर्मेंद्र और सनी देओल ने अब तक 10 फिल्में साथ की हैं। इस जोड़ी की अंतिम फिल्म 'यमला पगला दीवाना फिर से' थी। दोनों की जोड़ी की पहली बार 1984 में आई थी। ये दोनों पिछले 34 सालों से परदे पर हैं।
   परदे पर बेहतरीन कैमिस्ट्री के नजरिए से देखा जाए तो पिता-पुत्र की जोड़ियों में अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन की जोड़ी निर्विवाद रूप से सर्वश्रेष्ठ कही जा सकती हैं। ये जोड़ी जब भी परदे पर साथ नजर आई तो उसे दर्शकों की जबरदस्त सराहना मिली है। रामगोपाल वर्मा इस जोड़ी को सबसे पहले फिल्म 'सरकार' में एक साथ लेकर आए। पिता-पुत्र की इस जोड़ी ने फिल्म भी में पिता और पुत्र की ही भूमिका निभाई और दर्शकों की कसौटी पर खरा उतरकर फिल्म को सुपरहिट बना दिया। इसके बाद यह जोड़ी 'बंटी और बबली', 'सरकार राज', 'कभी अलविदा ना कहना' और 'पा' जैसी सुपरहिट फिल्मों में एक साथ नज़र आई।फिल्म इंडस्ट्री के जुबली कुमार के नाम से मशहूर राजेन्द्र कुमार ने अपने पुत्र कुमार गौरव के साथ सुपरहिट फिल्म 'लव स्टोरी' और 'फूल' में काम किया है।
फ़िल्मी परिवारों में पिता-पुत्र    बाॅलीवुड के पहले परिवार के रूप में चर्चित कपूर परिवार में बाप-बेटों के बीच मजबूत रिश्तों की कहानी बहुत लोकप्रिय है। पृथ्वीराज कपूर पहले नायक थे जिनका पारिश्रमिक एक लाख रूपए प्रति फिल्म होता था। उन्होंने तमाम सफलता के बावजूद राजकपूर को एक क्लैपर बाॅय बनाकर फिल्मी दुनिया में प्रस्तुत किया, ताकि वह अपने बूते पर अपना फिल्मी कैरियर बना सके। शम्मी कपूर और शशि कपूर के साथ भी उन्होंने यही किया। आगे चलकर राजकपूर ने अपने बेटों को फिल्मों में ब्रेक जरूर दिया, लेकिन उन्हें लांच करने में कोई मदद नहीं की। कपूर परिवार में बाप-बेटों का यह रिश्ता आज भी बरकरार है, जिसे ऋषि कपूर और रणबीर कपूर निभा रहे हैं।
  चाहे बाप बेटों के बीच यह संबंध हरिवंशराय बच्चन और अमिताभ बच्चन या अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन के बीच हो। दोनों ही संबंधों में पिता ने अपने बच्चों के लिए त्याग और बलिदान ही नहीं संघर्ष भी किया है। बचपन में अमिताभ बहुत बीमार थे और उनकी तबियत ठीक नहीं हो रही थी। तब हरिवंशराय बच्चन एक कवि सम्मेलन में इंदौर आए थे। उन्हें तेजी बच्चन ने अमिताभ की बिगडती हालत की जानकारी दी। तब हरिवंशराय बच्चन ने अपने इष्टदेव हनुमान से प्रार्थना की कि यदि अमिताभ अच्छे हो गए तो वह शराब पीना छोड देंगे। उनकी प्रार्थना का असर यह हुआ कि अमिताभ अच्छे हो गए। उस दिन के बाद मधुशाला के रचियता बच्चन जी ने शराब को छुआ तक नही। अमिताभ भी कुछ ऐसे ही हैं। अपने बेटे अभिषेक को स्थापित करने के लिए उन्होंने सब कुछ दांव पर लगा दिया। बेटे ही नहीं अपनी बेटी श्वेता के साथ भी उनकी गजब की      बांडिंग है।
  यश चोपडा को बॉलीवुड का बादशाह कहा जाता है। पहली फिल्म से अंतिम फिल्म को हिट करवाने का माद्दा रखने वाले यश चोपड़ा और उनके बेटे आदित्य चोपड़ा के बीच भी सफलता का यह संबंध जारी रहा। जब तक यश चोपड़ा जीवित थे, आदित्य ने उनके साथ एक से बढकर एक सफल फिल्म बनाई! उनके बाद भी अच्छी फिल्में बनाने की परम्परा को बरकरार रखा है। 
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