Monday 28 January 2019

बॉलीवुड फिल्मों पर बैन से पाकिस्तान को मिलता चैन!


- एकता शर्मा

   पाकिस्तान कितनी भी कोशिश कर ले, पर वो किसी भी मामले में भारत से मुकाबला नहीं कर सकता! फिल्मों के मामले में वो हमेशा ही बॉलीवुड से मात खाता आया है। लेकिन, पाकिस्तानी दर्शक भारत की हिंदी फिल्मों के दीवाने हैं। यही कारण है कि वहाँ हिंदी फ़िल्में तो अच्छा कारोबार करती हैं, पर उनके सामने पाकिस्तानी फ़िल्में ढेर हो जाती हैं। पाकिस्तानी फिल्मकारों की मुसीबत ये है कि न तो वे बॉलीवुड के स्तर की फ़िल्में बना पाते हैं और न पाकिस्तानी दर्शकों को हिंदी फ़िल्में देखने से रोक पाते हैं! यही कारण है कि पाकिस्तान सरकार किसी न किसी बहाने हिंदी फिल्मों की रिलीज पर बैन लगा देती है। 

   ताजा मामला ऋषि कपूर और तापसी पन्नू की फिल्म 'मुल्क' को पाकिस्तान में बैन कर देने का हुआ! वहाँ के सेंसर बोर्ड ने 'मुल्क' को पाक के सिनेमाघरों में रिलीज करने से रोक लगा दी। इस फिल्‍म में भारतीय मुसलमानों पर उठने वाले हर सवाल को सलीके से उठाया गया है। यह पहला मौका नहीं है, जब पाकिस्‍तान ने ऐसी हरकत की हो! ईद पर रिलीज हुई सलमान खान की फिल्म 'रेस-3' को भी पाकिस्तान में बैन किया गया था। करीना कपूर, सोनम कपूर, स्‍वरा भास्‍कर और शिखा तल्‍सानिया की फिल्म 'वीरे दी वेडिंग' को भी पाकिस्तान सेंसर बोर्ड ने बैन कर दिया था। शादी करके पाकिस्‍तान जाकर भारतीय सेना के लिए जासूसी करने वाली लड़की की कहानी वाली आलिया भट्ट की फिल्‍म 'राजी' को भी इसी साल बैन किया जा चुका है। तापसी पन्नू की ही 'नाम शबाना', शाहिद कपूर की फिल्म 'उड़ता पंजाब' और आमिर खान की फिल्म 'दंगल' जैसी कई फिल्मों को पाकिस्तान सरकार अपने रिलीज होने से रोक चुकी है।   
  'रेस-3' को बैन करने के पीछे पाकिस्तान सरकार का तर्क ये है कि ईद का मौका पाकिस्तानी फिल्मों की दुनिया के कारोबार के लिए अच्छा मौका होता है। यदि ईद पर बॉलीवुड की फिल्म रिलीज की जाएगी, तो पाकिस्तानी फिल्मों का कारोबार ठप हो जाएगा। सलमान खान को लेकर पाकिस्तान में भारी क्रेज है। इससे पहले जब भी सलमान की कोई फिल्म वहाँ रिलीज हुई, पाकिस्तानी फिल्मों ने पानी नहीं माँगा! ईद के मौके पर वहाँ रिलीज होने वाली पाकिस्तानी फिल्मों में माहिरा खान की 'वजूद' के अलावा दो और फिल्में 'सात दिन मोहब्बत इन' और 'आजादी' रिलीज हुई थी। 
   'मुल्क' की रिलीज को बैन किए जाने पर फिल्म के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने ट्वीट करके पाकिस्तान के लोगों से एक लेटर भी शेयर किया। इस लंबे लेटर की शुरुआत में उन्होंने लिखा कि प्यारे पाकिस्तानियों, कुछ हारे हुए लोगों द्वारा एंटीनेशनल कहे जाने से बिना डरे मैं आपको प्यारे पाकिस्तानियों कहने का जोखिम उठा रहा हूँ। मुझे परवाह नहीं है। मैंने हाल ही में 'मुल्क' नामक एक फिल्म बनाई है, दुर्भाग्यवश आप कानूनी रूप से इसे देखने में सक्षम नहीं होंगे! क्योंकि, आपके देश में सेंसर बोर्ड ने इसे देखने से प्रतिबंधित कर दिया है। अनुभव ने आगे लिखा कि देर सवेर यह फिल्म आप तक पहुंचेगी। आप इसे जरुर देखें और मुझे बताएं कि पाकिस्तान के सेंसर बोर्ड ने इसे क्यों बैन किया? मैं चाहता यही हूं कि आप इसे सिनेमाघरों में जाकर देखें, लेकिन अगर ऐसा नहीं हो पा रहा है तो आप इसे गैर कानूनी तरीके से ही देखिए! हालांकि, हमारी टीम पायरेसी के विरोध में है लेकिन अगर यही एक तरीका है तो यही सही! 
   अनुभव सिन्हा का अनुमान बिल्कुल सही निकला होगा! 'मुल्क' को अब तक लाखों पाकिस्तानी देख भी चुके होंगे। क्योंकि, पाकिस्तान में बॉलीवुड फिल्मों को चोरी से देखने का चलन काफी पुराना है। बॉलीवुड की जिस भी फिल्म को वहाँ बैन किया जाता है, उस फिल्म का पाइरेटेड वर्जन पाकिस्तान में करोड़ों का कारोबार करता है। क्योंकि, कोई भी सरकार दर्शकों की भावनाओं को तो कभी बैन सकती! 'रिफ्यूजी' फिल्म का एक गीत याद कीजिए 'पंछी. नदिया, पवन के झौंके, कोई सरहद ना इन्हें रोके।' पाकिस्तान की सरहद जिन्हें नहीं रोक सकती, उस लिस्ट में बॉलीवुड की फिल्मों का नाम लिखना भी गलत नहीं होगा!     
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